आरटीई अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों में बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य

Read Time:2 Minute, 26 Second

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के अंतर्गत निजी स्कूलों में सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य है। इसका उद्देश्य शिक्षा में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देना है। वंचित वर्गों और विशेष समूहों के बच्चे इन आरक्षित सीटों के लिए पात्र होंगे। स्कूल किसी भी बच्चे को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकते हैं और अधिक आवेदन वाले स्कूलों में प्रवेश लॉटरी के माध्यम से तय किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्कूलों को ट्यूशन फीस या सरकारी स्कूलों में प्रति-छात्र व्यय के लिए प्रतिपूर्ति की जाती है, जो भी कम हो का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।
उन्होंने बताया कि वंचित वर्गों के बच्चों को निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन करना होगा और 25 प्रतिशत सीटें पात्र बच्चों के लिए आरक्षित कर पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी। 25 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों द्वारा आवेदन करने की स्थिति में लॉटरी आधारित प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सम्बंधित जिला प्रारम्भिक शिक्षा कार्यालय और निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, हिमाचल प्रदेश, शिमला-1 के दूरभाष नम्बर 0177-2658044, 2812464 अथवा ईमेल:  [email protected]  पर सम्पर्क किया जा सकता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post शुगल सिंह बने उप मंडलीय प्रबंधक
Next post बस स्टैंड के बाद हमीरपुर को नगर निगम के रूप में मिली बड़ी सौगात : अजय शर्मा
error: Content is protected !!