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मंत्री ने सहकारिता आंदोलन को बताया ग्रामीण विकास की रीढ़
बिलासपुर, 19 नवंबर- 71वां भारतीय सहकारी सप्ताह का जिला स्तरीय कार्यक्रम दी बिलासपुर जिला सहकारी विकास संघ समिति के सौजन्य से बिलासपुर के किसान भवन में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर नियोजन, आवास तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सहकारिता आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे ग्रामीण विकास और आर्थिक समृद्धि का सशक्त माध्यम बताया।
मंत्री राजेश धर्मानी ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, आर्थिक विकास और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आत्मनिर्भरता लाना है। यह एक ऐसा मंच है जहां लोग एकजुट होकर अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। सहकारी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ने किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों को सशक्त किया है। उन्होंने सहकारी समितियों से आग्रह किया कि वे आधुनिक तकनीक और नवाचार को अपनाएं, जिससे उनके कार्यक्षेत्र में विस्तार हो सके और वे अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें। मंत्री ने सहकारी संस्थाओं के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सहकारी समितियों को डिजिटल बनाने, उनके कार्यों को पारदर्शी बनाने और युवाओं को सहकारिता से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सहकारी समितियों के विस्तार और उनके आधुनिकीकरण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी, ताकि सहकारिता आंदोलन के माध्यम से समाज के हर वर्ग को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास की रीढ़ है।
मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम में जिले भर में सर्वश्रेष्ठ रही सभी सरकारी सोसाइटी उनको भी आमंत्रित किया जाना चाहिए तथा उनकी उपलब्धियों को भी उजागर किया जाना चाहिए, ताकि लोगों के समक्ष इनकी कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हर कोने में सहकारी सभाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश तभी आगे बढ़ेगा जब संसाधन बढ़ेंगे, और संसाधन तभी बढ़ेंगे जब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए नए मॉडल और नए विचार विकसित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। सहकारी समितियों के संचालन में अधिकारी तथा कर्मचारी ईमानदारी और पारदर्शिता से कार्य करें, ताकि आने वाले समय में लोगों की सहकारी समितियों पर विश्वसनियता बनी रहे।
मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले सहकारी समितियों और उनके सदस्यों को सम्मानित किया। उन्होंने उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे भविष्य में भी सामुदायिक विकास में अपना योगदान जारी रखें। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं के सशक्तिकरण से ही समाज का सर्वांगीण विकास संभव है।
कार्यक्रम में विभिन्न सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने भी अपने अपने विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों की समस्याओं को सुना।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, तिलक राज शर्मा, फेडरेशन के अध्यक्ष रंजीत कश्यप, मार्किट कमेटी के अध्यक्ष सतपाल वर्धन, जिला सहकार संघ के अध्यक्ष हरि बलभ कौशल, सहकार संघ के निदेशक बृज लाल शर्मा, रक्षा कपिल, आशुतोष, शंकर दास शर्मा, एम पी चोपड़ा, निदेशक सहकारी बैंक जगदीश शर्मा, निदेशक कृषि बैंक नंदलाल शर्मा, हिमुडा के निदेशक जितेंद्र चंदेल, पार्षद गौरव शर्मा, सहायक पंजीयक भास्कर कालिया के अतिरिक्त समस्त सहकारी सभाओं के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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