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हि०प्र० राज्य दुग्ध उत्पादक सहकारी प्रसंध दुग्ध अभिशीतन केन्द्र मौहल कुल्लू के प्रभारी अमित ठाकुर ने बताया कि केन्द्र के साथ अभी 39 सोसाईटीज़ काम कर रही हैं जो कुल्लू जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही है। गर्मियों के मौसम में प्रतिदिन 30 से 3200 लिटर दूध इकट्ठा कर रहे थे लेकिन आजकल सर्दियों के मौसम में यह घटकर 20 से 23000 लिटर रह गई है। विभिन्न सहकारी सभाओं से दूध इकट्ठा किया जाता है I मिल्क प्लांट में लाने के बाद उस दूध को स्थानीय मर्किट में 48 रु./लीटर की दर से बेच रहे हैं। शेष बचे हुये दूध को संयंत्र इकाई चक्कर, मण्डी में प्रोसेस के लिये भेज रहे हैं। वर्तमान में जिला में कार्यरत दुग्ध सहकारी सभाएं आजकल इस बात पर ध्यान दे रही हैं कि व्यक्तिगत तौर पर पर दूध की गुणवत्ता की जांच हो और गुणवत्ता के आधार को दुध के रेट मिले ! उन्होंने बताया कि आज कल लोगों को 40 से 50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से ही लोगों को दूध के रेट मिल रहे हैं I
दुग्ध उत्पादक सहकारी सभा शिरढ से जुड़े किसान सोमदेव बताते हैं कि पहले हमें मात्र 18 से 30 रुपये ही प्रति लीटर दूध के रेट मिलते थे लेकिन वर्तमान सुक्खू सरकार के समय 40 से 50 रुपये प्रति लिटर गुणवत्ता अनुसार मिल रहे हैं। उन्होंने सरकार के प्रति आभार जताया !
दग्ध उत्पादक सहकारी सभा शिरढ की सचिव रीना ठाकुर ने बताया कि जब तक सोसायटी का गठन नहीं हुआ था तब तक लोगों को दूध के बहुत कम रेट मिलते थे। लेकिन सोसाइटी के गठन के बाद लोगों को दूध के बहुत अच्छे रेट मिल रहे हैं। उन्होने मुख्यमन्त्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू का दिल से आभार जताते हुये कहा कि सिर्फ वर्तमान सरकार ने किसानों, बागवानों, और महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ करने के बारे में सोचा। उनके इस सहयोग से सारे किसान बहुत खुश हैं और भविष्य में भी किसानों के बारे में ऐसे ही सोचते रहें! उन्होंने अपनी सोसाइटी के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि गर्मियों के दिनों में ये 1000 लिटर दूध इकट्ठा कर लेते हैं जिसकी मात्रा वर्तमान में 700-800 लिटर है।
शिरढ गांव की महिला किसान कान्ता ठाकुर ने बताया कि पहले हमें दूध के बहुत कम रेट मिलते थे लेकिन सोसायटी से जुड़ने के बाद वे 7000 रुपये बड़ी आसानी से कमा लेती है। उन्होंने सरकार का धन्यवाद करते हुये कहा कि सरकार ने उनके जैसी महिलाओं के बारे में सोचा I
शिरढ़ गांव की पंचमा ठाकुर ने बताया कि दुग्ध सहकारी सभा के गांव में आने से दूध के अच्छे रेट मिलने लगे हैं। और ये दाम इन्हें दूध की गुणवता के हिसाब से मिलते हैं I सरकार का धन्यवाद जताते हुये इन्होंने कहा कि हमें भविष्य में भी सरकार से ऐसी उम्मीद रहेगी कि दूध के रेट समय-समय पर बढ़ते रहें।
शिरढ गांव की रहने वाली सोमलता ने बताया कि वो 2013 से पशुपालन का कार्य कर रही है। तभी से उन्हें दूध का रेट 13 से 14 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था। जो 2021 तक 18-20 रुपये प्रतिलिटर था लेकिन जब से गांव में सोसाईटी आई है तब से उन्हें दूध के अच्छे दाम मिल रहे हैं। जो लगभग 40 से 48 रुपये के बीच में हैं उन्होंने अपनी और गाँव वालों की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया I
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