पीपल फॉर हिमालयन डेवलपमेंट (पीएचडी) संस्था के ओर से बुधवार को वैश्विक सतत पर्यटन को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया
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उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
उपायुक्त ने कहा कि हमें पर्यटन के क्षेत्र में सामूदायिक भागीदारी को लेकर राजस्थान एवं केरल राज्यों से सीखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आतिथ्य के व्यवसाय से हमें स्वयं सहायता समूहों सहित अन्य ग्रामीण सांस्कृतिक दलों को भी जोड़ने की आवश्यकता है ताकि पर्यटकों को हम पर्यटन के संस्कृति, स्थानीय व्यंजनों सहित पूरे परिवेश से अवगत करवा सकें ताकि पर्यटक बेहतर अनुभव पाकर पुनः अगली बार आएं।
उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग सहित अपने पर्यटन व्यावसाय की रिकॉल वैल्यू को बेहतर करना आवश्यक है।
उन्होंने अपशिष्ट प्रबन्धन, प्लास्टिक अपशिष्ट के निदान की आवश्यकता पर भी बल दिया।
प्रोफेसर नांबियाल ने अपनी विशेष प्रस्तुति देकर कार्यशाला में आए हुए समस्त पर्यटन व्यवसायियों को अवगत करवाया।
वैश्विक सतत पर्यटन को लेकर पीएचडी) संस्था के प्रबंधक ट्रस्टी संदीप मिन्हास ने ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने के लिए लोगों के साथ पर्यटकों के बेहतर सम्बन्ध वैश्विक पर्यटन के मॉडल को विकसित करने के लिए ऐसी कार्यशालाओं को आवश्यक बताया।
इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
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