Uttarakhand में मिथक तोड़ने के बाद अब हिमाचल में इतिहास बनाने के लिए धामी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, ये है प्लान

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Uttarakhand में मिथक तोड़ने के बाद अब हिमाचल में इतिहास बनाने के लिए धामी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, ये है प्लान।उत्तराखंड में मिथक तोड़ने के बाद अब हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी पुष्कर सिंह धामी हिमाचल में भाजपा की दोबारा सरकार बनाने और मिथक तोड़ने के लिए मैदान में कूदेंगे। हिमाचल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करेंगे।पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों के नामों की सूची जारी की है। जिसमें उत्तराखंड से केवल धामी को ही स्टार प्रचारक बनाया गया है। धामी उत्तराखंड से सटे इलाकों में प्रचार-प्रसार करने जाएंगे। इसके साथ ही धामी की कई जनसभाएं और रैली आयोजित होंगी।

दोनों पहाड़ी राज्यों की संस्कृति और राजनीति एक समान

उत्तराखंड और हिमाचल में कई तरह की समानताएं हैं। पड़ोसी राज्य होने के नाते दोनों पहाड़ी राज्यों की संस्कृति और राजनीति एक समान ही है। दोनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस ही सत्ता में रही हैं। उत्तराखंड से सटे इलाकोें में हिमाचल में उत्तराखंड का प्रभाव साफ नजर आता है। वेश-भूषा के साथ ही सियासी रंग दोनों जगह समान ही नजर आते हैं।

पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा ने दोबारा सत्ता हासिल की


उत्तराखंड में 22 साल में पहली बार किसी पार्टी ने दोबारा सत्ता हासिल की है। आज तक हमेशा हर 5 साल बाद सरकारें बदलती रहीं। लेकिन इस बार पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा ने दोबारा सत्ता हासिल की। जो कि 22 साल में मिथक टूटा है।

केन्द्रीय हाईकमान को धामी की छवि और नेतृत्व पर पूरा भरोसा


पुष्कर सिंह धामी को विधानसभा चुनाव से ठीक 6 माह पहले उत्तराखंड की कमान सौंपी गई थी। लेकिन धामी के नेतृत्व में सरकार ने 6 माह में ही भाजपा की नींव उत्तराखंड में और मजबूत की। जिसके चलते धामी की धमक का असर चुनाव में भी दिखा और धामी के नेतृत्व में भाजपा की दोबारा सरकार बन गई और सारे रिकॉर्ड टूट गई। हालांकि धामी अपना चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी हाईकमान ने धामी पर ही विश्वास जताया। केन्द्रीय हाईकमान को धामी की छवि और नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। इसी वजह से मोदी से लेकर भाजपा के सभी शीर्ष नेतृत्व धामी पर पूरा विश्वास जता रहे हैं।

हिमाचल में भी अब तक किसी पार्टी ने दोबारा सत्ता हासिल नहीं की


हिमाचल में भी अब तक किसी पार्टी ने दोबारा सत्ता हासिल नहीं की। उत्तराखंड पहाड़ी राज्य की तरह हिमाचल में भी ये मिथक बरकरार रहा है। हिमाचल की बात करें तो 1993 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने अपनी सरकार बनाई थी, इसके बादए 1998 में बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने। 2003 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह दोबारा सत्ता में वापस आए। साल 2007 में बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल और साल 2012 में फिर कांग्रेस ने सरकार बनाई। 2017 में बीजेपी के जय राम ठाकुर सरकार है। ऐसे में इस बार सबकी नजर कांग्रेस चुनाव पर टिकी हैं। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को होने हैं। जिसके नतीजों का ऐलान 8 दिसंबर को होगा। उत्तराखंड में तो मिथक टूट गया लेकिन हिमाचल में क्या इस बार मिथक टूटेगा और भाजपा दोबारा सत्ता में काबिज होगी, इस पर सबकी नजर है।

दिवाली के बाद हिमाचल में प्रचार के लिए कार्यकर्ताओं की टीम भेजेगी


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि दिवाली के बाद संगठन के स्तर से भाजपा हिमाचल में चुनाव प्रबंधन और प्रचार के लिए कार्यकर्ताओं की टीम भेजेगी। पदाधिकारियों की एक टीम पहले ही हिमाचल की करीब 19 विधानसभा सीटों पर मोर्चा संभाल रही है। दिवाली के बाद दूसरी टीमें हिमाचल में भेजी जाएंगी।

http://dhunt.in/E1L6B?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “OneIndia”

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