कांगड़ा सीट पर 1998 के बाद से जीत दर्ज नहीं कर पाई भाजपा।प्रदेश की कांगड़ा (Kangra) विधानसभा सीट कांगड़ा जिले में आती है, यहां 1982 से लेकर 1998 तक भाजपा का वर्चस्व रहा, लेकिन इसके बाद भाजपा यहां जीत को तरस रही है.।वर्तमान में यहां से कांग्रेस के पवन कुमार काजल विधायक हैं.
कांगड़ा को जानें
इस क्षेत्र को कटोज राजाओं की कर्मभूमि कहा जाता है, पहले इसका नाम नगरकोट हुआ करता था, राजा सुसर्माचंद ने इसे बसाया था, छठी शताब्दी में नगर कोट जालंधर अथवा त्रिगर्त राज्य की राजधानी था.
जानिए, पिछले पांच विधानसभा चुनावों के आंकड़े
1998 : इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विद्यासागर जीते थे, उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार दौलत चौधरी को हराया था.
2003 : इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार जीते और भाजपा उम्मीदवार रतन लाल को हराया.
2007 : इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय चौधरी विधायक चुने गए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चौधरी सुरेंद्र काकू को हराया था.
2012 : इस विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार पवन काजल विधायक चुने गए. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी सुरेंद्र कुमार को हराया. इस पवन को 14,632 तथा सुरेंद्र कुमार को 14,069 वोट मिले थे. वोट शेयर की बात करें तो निर्दलीय उम्मीदवार का वोट शेयर 29% और कांग्रेस का वोट शेयर 27.88% था.
2017 : पवन कुमार काजल कांग्रेस से विधायक चुने गए, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार संजय चौधरी को हराया. पवन कुमार को 25,549 वोट मिले थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय चौधरी को 19,341 वोट मिले थे. वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस का वोट शेयर 43.7% था वहीं भाजपा का वोट शेयर 33.8% था.
2022: इस चुनाव में कांगड़ा सीट के समीकरण बिल्कुल बदले हुए हैं, दरअसल भाजपा ने यहां से पिछली बार जीतने वाले कांग्रेस विधायक पवन काजल को पार्टी में शामिल कराकर टिकट दे दिया है. कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह काकू को उम्मीदवार बनाया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से राज कुमार जसवाल को टिकट थमाया है.
जातीय समीकरण
यह इलाका ओबीसी बहुल है, हर चुनाव में यहां घिरथ बिरादरी ने अपना प्रभाव दिखाया है. हालांकि यहां राजपूत व ब्राह्मण मतदाता भी हैं.
कुल मतदाता- 80223
पुरुष – 40326
महिला – 39897
थर्ड जेंडर- 0
http://dhunt.in/E5MqM?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “TV9 Bharatvarsh”
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