हिमाचल में OPS के इर्द-गिर्द घूम रही राजनीति, जानिए चुनाव पर प्रभाव और दलों का स्‍टैंड

Read Time:7 Minute, 36 Second

Himachal Election 2022: हिमाचल में OPS के इर्द-गिर्द घूम रही राजनीति, जानिए चुनाव पर प्रभाव और दलों का स्‍टैंड।हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है।चुनाव में राजनीति ओपीएस के इर्द-गिर्द घूम रही है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने ओपीएस पर कोई वादा नहीं किया, मगर कहा जा रहा है कि डबल इंजन सरकार से ही ओपीएस बहाली की उम्मीद की जा सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संकेत दिए थे कि मोदी हैं तो ओपीएस मुमकिन है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्ता में आते ही सबसे पहले ओपीएस लागू करने की घोषणा की है।

राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने ओपीएस लागू कर दी, जबकि आप ने पंजाब में इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। तत्कालीन एनडीए सरकार ने वर्ष 2003 में पुरानी पेंशन की जगह एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) लागू की थी। उसके बाद हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी में आए 1.50 लाख कर्मचारी एनपीएस में हैं। पुरानी पेंशन के पात्र कर्मचारी घटकर 90 हजार रह गए हैं। एनपीएस कर्मियों को अंशदायी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है।

न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये है तो ओपीएस लागू होने पर कोई भी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने पर न्यूनतम आठ हजार रुपये मासिक पेंशन का हकदार होगा। प्रदेश में हर वर्ष दो से चार हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं। इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के तहत भुगतान करना पड़े तो कम से कम 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा और पेंशन का बोझ वार्षिक 8500 करोड़ रुपये पहुंचेगा जो कुल पेंशन का करीब 20 प्रतिशत हो जाएगा।



पुरानी पेंशन में सुविधा

पुरानी पेंशन में मासिक पेंशन के लिए कोई कटौती नहीं होती है। इस योजना में कर्मचारी भविष्य निधि की सुविधा प्राप्त है। किसी भी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर मूल वेतन की राशि पर पेंशन की गारंटी का प्रविधान है। सरकार की ओर से देय महंगाई भत्ता की वृद्धि की सुविधा और वेतन आयोग के सुधार भी लागू होते हैं। यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है तो पूरी पेंशन मिलेगी। पुरानी पेंशन में किसी भी कर्मचारी को पेंशन राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी।

एनपीएस में कमियां

एनपीएस में पेंशन के लिए वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत की कटौती होती है। एनपीएस कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि की व्यवस्था नहीं है। कुल जमा राशि में से केवल 40 प्रतिशत राशि पर ही बाजार भाव पर मासिक पेंशन का निर्धारण होगा। एनपीएस कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों से पेंशन में वृद्धि का प्रविधान नहीं है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को 20 प्रतिशत नकद और 80 प्रतिशत राशि पेंशन पर देने का प्रविधान है।



छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना में व्यवस्था

छत्तीसगढ़ में राज्यपाल के आदेशानुसार संयुक्त सचिव अतीश पांडेय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। 11 मई 2022 की अधिसूचना के अनुसार सिविल सेवा पेंशन नियम-1976 में संशोधन किया गया। इसके अनुसार सरकारी सेवा में आए कर्मचारी पेंशन के योग्य होंगे। चाहे कर्मचारी स्थायी हो या अस्थायी, दोनों पेंशन के पात्र होंगे।

राजस्थान सरकार की अधिसूचना में व्यवस्था

राजस्थान सरकार के वित्त बजट सचिव सुधीर कुमार शर्मा की ओर से 19 मई 2022 को अधिसूचना जारी की गई है। इसके अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से एक अप्रैल 2022 को नीतिगत निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार नई अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है।

क्‍या कहते हैं नेता व संगठन पदाधिकारी

हम सत्ता में आने के तुरंत बाद पहला काम पुरानी पेंशन योजना की बहाली का करेंगे ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद किसी पर निर्भर न रहना पड़े। वर्ष 2003 में केंद्र की भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद की थी। इस कारण राज्यों में सरकारों को पुरानी पेंशन बंद करने पर विवश होना पड़ा था। – मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष।
प्रदेश का कर्मचारी वर्ग डबल इंजन की सरकार से ही पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद कर सकता है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कर्मचारियों को धोखे में रखा है। इन दो राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर घोषणाएं की हैं जिससे इन राज्यों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलना संभव नहीं है। – सुरेश कश्यप, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष।
नई पेंशन योजना कर्मचारी के किसी काम की नहीं है। हर महीने प्राप्त होने वाला वेतन खर्च हो जाता है। सेवानिवृत्त होने पर अंत में एनपीएस के सहारे जीवन चलाना संभव नहीं है। अभी तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों में से किसी को 352 रुपये तो किसी को 710 रुपये पेंशन मिलती है। ऐसे में सेवानिवृत्त व्यक्ति किस तरह से गुजारा चला सकता है। इसलिए डेढ़ लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन चाहते हैं जो दिया जाना संभव है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। इसलिए हिमाचल में भी पुरानी पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए।- प्रदीप ठाकुर, अध्यक्ष, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ।

http://dhunt.in/Ega4B?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जागरण”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post केंद्र ने एवियन इंफ्लुएंजा के प्रकोप की जांच के लिए केरल में एक उच्च स्तरीय दल तैनात किया
Next post WhatsApp पर फोटो भेजने से पहले कर सकेंगे Blur, डेस्कटॉप के इस नए फीचर से काम होगा आसान
error: Content is protected !!