Himachal Pradesh Assembly Elections Hot Seats: क्यों इन दस मुक़ाबलों पर है सबकी नज़र, जानिए

Read Time:5 Minute, 54 Second

Himachal Pradesh Assembly Elections Hot Seats: क्यों इन दस मुक़ाबलों पर है सबकी नज़र, जानिए।प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। लेकिन चुनाव में ऐसी 10 सीटें हैं, जिन पर दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है और सबकी नजरें उन सीटों पर है।

सिराज विधानसभा क्षेत्र को पहले चचिओट विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था लेकिन 2007 में परिसीमन के बाद नाम बदल दिया गया था। यह सीट भाजपा का गढ़ रही है और जयराम ठाकुर 1998 से इसे जीत रहे हैं। 2017 के चुनावों में जय राम ठाकुर ने कांग्रेस के चेत राम ठाकुर को 11,254 वोटों से हराया था।कांग्रेस ने फिर से चेत राम को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने अपने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस चयन को लेकर बीजेपी में बगावत है और भारद्वाज खेमा खुद इस बदलाव से हैरान होने की बात स्वीकार करता है। हालांकि पार्टी का दावा है कि टिकट पर अंतिम फैसला हाईकमान ने सर्वेक्षण और फीडबैक के बाद लिया है। कांग्रेस ने अनिरुद्ध सिंह को फिर से मैदान में उतारा है और वह हैट्रिक जीत की तलाश में हैं।

कसौली से तीन बार के विधायक 51 वर्षीय राजीव सैजल राज्य सरकार में परिवार कल्याण, स्वास्थ्य और आयुर्वेद मंत्री हैं। इस सीट से वह एक बार फिर भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी से है, जिन्हें उन्होंने पिछली दो चुनावों में हराया है।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस के सीएम चेहरों में से एक के रूप में देखा जाता है। इस बार भी वह इस सीट से उम्मीदवार हैं उनका सामना भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राम कुमार से है। माना जाता है कि पूर्व में पत्रकार रहे मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह ने सलाह दी थी और राजनीति में लाया था।

कांग्रेस के सुरिंदर सिंह मनकोटिया को 1,862 मतों के मामूली अंतर से बीजेपी के बिक्रम सिंह ने हराया था और फिर उन्हें सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया था। उन्हें फिर से भाजपा ने मैदान में उतारा है।

बीजेपी सरकार में बिजली मंत्री सुखराम चौधरी ने पिछली बार यह सीट जीती थी और उन्हें भाजपा ने फिर से मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने किरणेश जंग को टिकट दिया है, जो 2017 में सुखराम चौधरी से हार गए थे, लेकिन 2012 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पांवटा साहिब जीते थे। हिमाचल में वीरभद्र सिंह के बिना कांग्रेस दशकों बाद पहली बार चुनाव लड़ रही है।

शिमला जिले में आने वाली यह सीट सीपीआईएम के पास एकमात्र सीट है, जिससे हिमाचल में उसकी उपस्थिति बनी हुई है। सीपीआई (एम) के उम्मीदवार फिर से राकेश सिंघा हैं। वहीं कांग्रेस ने पूर्व पीसीसी अध्यक्ष कुलदीप राठौर को मैदान में उतारा है, जो अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं।

बीजेपी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी को कांगड़ा के शाहपुर से भाजपा ने फिर से मैदान में उतारा है। वहीं 2017 में तीसरे नंबर पर आए केवल सिंह पठानिया को कांग्रेस ने टिकट दिया है।

कांग्रेस के चुनाव प्रचार प्रभारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी के सीएम दावेदारों में से एक हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू को नादौन से पार्टी ने फिर से मैदान में उतारा है, जिसे उन्होंने 2003 और 2007 में भी जीता था। भाजपा ने विजय अग्निहोत्री को टिकट दिया है, जिन्होंने 2012 में सुक्खू को हराया था लेकिन 2017 में वह उनसे हार गए थे।

छह बार के कांग्रेस के दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से दूसरी बार जीत की तलाश कर रहे हैं। 2007 में परिसीमन के बाद इस सीट का गठन किया गया था। 2012 में वीरभद्र सिंह ने 20,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा ने रवि मेहता को मैदान में उतारा है।

http://dhunt.in/EHwNC?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जनसत्ता ”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post नाइट्राजेपम की 1300 गोलियां बरामद
Next post 10 प्वाइंट में समझें क्या है OPS.. हिमाचल में कांग्रेस मचा रही शोर, BJP संकल्प पत्र में कर सकती है शामिल
error: Content is protected !!