आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने सभी के लिए परिवहन चुनौती के दूसरे चरण और नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण- 2022 का आज ऑनलाइन माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शुभारंभ किया। कार्यक्रम में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव, श्री मनोज जोशी, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्र, राज्य सरकारों और शहरी निकायों के अन्य अधिकारियों के साथ-साथ साथी संगठनों और अन्य हितधारकों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। प्रतिभागियों को चुनौती प्रक्रिया और नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण के तौर-तरीकों के बारे में भागीदार संगठनों द्वारा प्रस्तुतियों के साथ अवगत कराया गया।
सभी के लिए परिवहन का दूसरा चरण
सभी के लिए परिवहन चुनौती का दूसरा चरण भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की एक पहल है। इसका उद्देश्य नागरिकों के गतिशीलता अनुभव में वृद्धि करना है। चुनौती डिजिटल नवाचार पर केंद्रित है और सभी नागरिकों की गतिशीलता की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए औपचारिक और साथ ही साथ अनौपचारिक सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए प्रासंगिक डिजिटल समाधान विकसित करने के लिए शहरों, नागरिकों और नई सोच वालों को एक साथ लाने के लिए आमंत्रित करती है।
चुनौती के तीन चरण
नवाचार चुनौती के माध्यम से सभी के लिए परिवहन के अंतर्गत तीन चरण शामिल हैं:
● प्रथम चरण– समस्या की पहचान करना : गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से शहर, नागरिकों और बार बार सामने आने वाली समस्याओं की पहचान करना जिनका, सार्वजनिक परिवहन संचालकों द्वारा सामना किया जाता है।
● द्वितीय चरण– समाधान निर्माण: स्टार्टअप शहरों और गैर सरकारी संगठनों के सुझाव के साथ सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए समाधानों के प्रोटोटाइप विकसित करते हैं।
● तृतीय चरण– प्रायोगिक परीक्षण: शहर बड़े पैमाने पर प्रायोगिक परीक्षणों के लिए स्टार्टअप्स को शामिल करते हैं और नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर समाधानों में सुधार करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए देखें: www.transport4all.in
चुनौती के हिस्से के रूप में विकसित समाधानों का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन के औपचारिक और अनौपचारिक साधनों को जहां भी संभव और वांछनीय है, एकीकृत करना है। ऐसे समाधान जो नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता प्रदर्शित करते हैं – जो विभिन्न संदर्भों वाले शहरों में रह रहे हैं – देश भर के चुनिंदा शहरों में प्रयोग किए जाएंगे।
15 अप्रैल, 2021 को शुरू की गई चुनौती के पहले चरण के लिए 130 से अधिक शहरों ने हस्ताक्षर किए हैं। 100 शहरों ने सभी के लिए परिवहन का एक टास्क फोर्स (टीटीएफ) का गठन किया, जिसमें प्रमुख सरकारी हितधारकों और परिवहन क्षेत्र में काम करने वाली सरकारें, शैक्षणिक संस्थानों, गैर-लाभकारी संगठनों और आईपीटी यूनियनों के साथ शामिल थीं।
इन शहरों ने 2 लाख से अधिक नागरिकों, 15,000 बस चालकों और परिचालकों और 22,000 अनौपचारिक सार्वजनिक परिवहन (ऑटो आदि) चालकों के साथ सफलतापूर्वक सर्वेक्षण किया- जिससे यह देश में सबसे बड़ा सार्वजनिक परिवहन डेटा अभ्यास बन गया। चुनौती के दूसरे चरण के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले 46 शहरों ने 165 से अधिक समस्या विवरण विकसित करने के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उपयोग किया, जिसे अब चुनौती टीम द्वारा 8 समस्या बयानों की अंतिम सूची में शामिल किया गया है (अनुलग्नक-I पर शहरों की सूची) उपलब्ध है।
शहरों द्वारा पहचाने गए मुद्दों और समस्याओं के समाधान विकसित करने के लिए चुनौती का दूसरा चरण स्टार्टअप के लिए खुला है। इच्छुक स्टार्टअप, स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर अपने विचारों के साथ पंजीकरण कर सकते हैं। सभी के लिए परिवहन चुनौती का आयोजन परिवहन और विकास नीति संस्थान (आईटीडीपी) के साथ सह मेजबान और चुनौती समन्वयक के रूप में, विश्व बैंक को ज्ञान साझीदार के रूप में, स्टार्टअप इंडिया और सिटी इनोवेशन एक्सचेंज को प्रौद्योगिकी साझीदार के रूप में और राज्य सड़क परिवहन उपक्रम संघ (एएसआरटीयू) शहरी-साझीदार के रूप में के साथ भागीदार में आयोजित किया गया है।
नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण 2022 (जीवन में सुगमता के आकलन का हिस्सा)
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रमुख क्षेत्रों में क्रॉस-सिटी परिणामों के आधार पर शहरों का पारदर्शी और व्यापक मूल्यांकन करने की पहल के रूप में अप्रैल, 2022 में शहरी परिणाम कार्य योजना 2022 का शुभारंभ किया। कार्ययोजना में जीवन में सुगमता सूचकांक का तीसरा दौर भी शामिल है। जीवन की सुगमता सूचकांक, 360-डिग्री मूल्यांकन के रूप में, जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता और स्थिरता के आधार पर भारत भर के शहरों का मूल्यांकन करना है।
जीवन में सुगमता सूचकांक के हिस्से के रूप में, एक नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण आयोजित किया जा रहा है (जिसमें जीवन में सुगमता सूचकांक के अंतर्गत 30 प्रतिशत अंक हैं)। यह मूल्यांकन अभ्यास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह नागरिकों की उनके शहर की रहने की क्षमता के संबंध में प्रतिक्रिया को सीधे प्राप्त करने में मदद करेगा। ये विचार इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि नागरिक अपने शहरों के विभिन्न पहलुओं के बारे में कैसा महसूस करते हैं, जिसमें सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा सुविधाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, पानी की उपलब्धता, रहने की लागत, रोजगार के अवसर आदि शामिल हैं।
यह सर्वेक्षण, जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से संचालित किया जा रहा है, 9 नवंबर 2022 से शुरू हुआ और 23 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगा। आमने-सामने साक्षात्कार वाले ऑफ़लाइन संस्करण ऑनलाइन सर्वेक्षण के समानांतर चलेंगे। नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण पहली बार 2020 में आयोजित किया गया था और इसमें 16 लाख प्रतिक्रियाओं का लक्ष्य था, जबकि सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 111 शहरों में रहने वाले 32 लाख से अधिक नागरिकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम थे। इस वर्ष, सर्वेक्षण 264 शहरों में किया जाएगा, जिसका उद्देश्य देश भर के 21 लाख से अधिक नागरिकों की राय प्राप्त करना और उन्हें प्रतिबिंबित करना है। 264 भाग लेने वाले शहरों (अनुलग्नक II) के नागरिकों से अनुरोध है कि वे निम्नलिखित लिंक पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करें: https://eol2022.org/.
शहर सक्रिय रूप से नागरिक अनुभूति सर्वेक्षण को बढ़ावा देंगे और अधिकतम नागरिकों को नवीन रणनीतियों को अपनाकर अपने शहर की प्रतिक्रिया साझा करने के लिए शामिल करेंगे। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को ‘सिटी एंगेजमेंट अवार्ड’ के अंतर्गत पुरस्कृत किया जाएगा। राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) अपनी एजेंसी भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के साथ कार्यक्रम का संचालन कर रहा है, जो इस अभ्यास को शुरू करने में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का समर्थन कर रहे हैं।
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