प्रधानमंत्री 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जायेंगे

Read Time:5 Minute, 59 Second

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जायेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 9:30बजे सुबह ईटानगर में डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे और 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री इसके बाद वाराणसी पहुंचेंगे, जहां दोपहर बाद करीब दो बजे वह ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री अरुणाचल प्रदेश में

पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के कदम रूप में प्रधानमंत्री अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे- ‘डोनी पोलो हवाई अड्डे – का उद्घाटन करेंगे। हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा सूर्य (‘डोनी’) और चंद्रमा (‘पोलो’) के प्रति इसकी सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।

अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा 690एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया गया है।  इस पर 640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। 2300मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम में संचालन के लिए उपयुक्त है। हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है, जो ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों की रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देती है।

ईटानगर में नए हवाई अड्डे के विकास से क्षेत्र में न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि यह व्यापार और पर्यटन के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करेगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 8450करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह पावर स्टेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश को आवश्यकता से अधिक बिजली वाला राज्य बनाएगी, इससे ग्रिड स्थिरता और एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ मिलेगा। यह परियोजना हरित ऊर्जा को अपनाने की देश की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में प्रमुख योगदान देगी।

प्रधानमंत्री वाराणसी में

प्रधानमंत्री के विजन से निर्देशित, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विचार को प्रोत्साहित करना सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में एक रहा है। इस विजन को प्रतिबिंबित करने वाली एक अन्य पहल में काशी (वाराणसी) में एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है और इसका उद्घाटन 19 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का उत्सव मनाना, पुन: पुष्टि करना और फिर से खोज करना है। तमिलनाडु और काशी देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा केंद्र हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों आदि सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने तथा एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के 2500 से अधिक प्रतिनिधि काशी आएंगे। वे समान व्यापार, पेशे और रुचि के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने के लिए संगोष्ठियों, साइट के दौरे आदि में भाग लेंगे। दोनों क्षेत्रों के हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी उत्पादों, पुस्तकों, वृत्तचित्रों, व्यंजनों, कला रूपों, इतिहास, पर्यटन स्थलों आदि की एक महीने की प्रदर्शनी भी काशी में लगाई जाएगी।

यह प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ भारतीय ज्ञान प्रणालियों के धन को एकीकृत करने पर बल देने के अनुरूप है। कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए आईआईटी मद्रास और बीएचयू दो एजेंसियां हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Healthy Food: लंच में डिलीशियस तंदूरी एग बढ़ा देगा मुंह का ज़ायका, एक बार जरूर करें ट्राई
Next post श्री नितिन गडकरी ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में 1206 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
error: Content is protected !!