तनाव की वजह से बढ़ सकता है पैनिक अटैक, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मिलेगी बड़ी राहत। हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय जरूर आता है जब हम तनाव महसूस करते हैं. शायद ही कोई ऐसा हो जिसने अपनी जिंदगी में तनाव को महसूस न किया हो.
तनाव हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा है लेकिन यदि यह लंबे समय तक हमारे साथ रहा तो इससे कई गंभीर समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. आज छोटे से बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक तनाव की गिरफ्त में हैं. अगर इससे समय पर छुटकारा नहीं पाया गया तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालने लगता है.
पिछले कुछ समय में पैनिक अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़ें हैं और इसके पीछे तनाव एक बड़ा कारण हो सकता है. तनाव और पैनिक अटैक को लेकर हमने Psyche and Beyond की डायरेक्टर और हेडसाइकोलॉजिस्ट डॉ. सारिका बूरा से बात की. तनाव किस तरह से पैनिक अटैक का कारण बनता है और इससे छुटकारा पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए इस बारे में उन्होंने अहम जानकारी दी. आइए जानते हैं कुछ खास बातें.
भय और चिंता एक बड़ी वजह
डॉ. सारिका के मुताबिक पैनिक होने के पीछे सबसे बड़ा कारण चिंता और किसी तरह का भय होना. चिंता बढ़ने के साथ साथ मनुष्य तनाव में आने लगता है और यही तनाव पैनिक होने के रूप में उसके व्यवहार में दिखने लगता है. अपनी पर्सनल समस्याएं, बच्चों की चिता, ऑफिस का काम, सोसायटी, पारिवारिक समस्याएं ये सभी चिंता के कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब चिंता एक सीमा से अधिक हो जाती है तो लास्ट मूवमेंट में लोग पैनिक कर जाते हैं क्योंकि उस समय वह यह समझ पाने में नाकाम रहते हैं कि वह अब क्या करें.
पैनिक अटैक में शारीरिक प्रतिक्रिया ज्यादा
डॉ. सारिका ने कहा कि तनाव और पैनिक अटैक में व्यवक्ति का व्यवहार काफी अलग रहता है. पैनिक अटैक के दौरान शारीरिक प्रतिक्रिया ज्यादा देखने को मिलती है. जैसे- सांस फूलना, घबराना, रोना, पसीना आना आदि. वहीं दूसरी तरफ तनाव में व्यावहारिक प्रतिक्रिया अधिक होती है. उदास रहना, अकेले रहने की कोशिश करना, काम में फोकस नहीं कर पाना जैसे लक्षण दिखते हैं.
अकेलापन बढ़ाता है तनाव
एक्सपर्ट की मानें तो अकेलापन तनाव को बढ़ाता है और तनाव पैनिक अटैक को जन्म देता है. लगातार चिंता में रहने से पैनिक अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. कई लोग अपनी बातों को शेयर नहीं कर पाते और वह चिंता में घिरे रहते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने मन की बातों को दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ जरूर शेयर करें. अगर आप अपनी बात घर या दोस्तों के साथ शेयर नहीं कर सकते तो आप हेल्थ एक्सपर्ट जैसे किसी साइकोलॉजिस्ट या फिर किसी तरह की थेरेपी ले सकते हैं.
पैनिक, एंग्जायटी और तनाव
डॉ. सारिका के अनुसार पैनिक होना एंग्जायटी का एक प्रकार है लेकिन तनाव इनसे पूरी तरह से अलग है. तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. हम हर दिन किसी न किसी तरह के तनाव से घिरे होते हैं. तनाव कई बार पॉजिटिव भी होता है और उससे हमें मोटीवेटेड रहते हैं. जैसे टाइम पर ऑफिस जाने का तनाव, अच्छे रिजल्ट का तनाव, समय पर काम खत्म करने का तनाव. ऐसे तनाव हमें अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं.
पैनिक अटैक और तनाव को दूर करने के लिए क्या करें
– डॉ. सारिका के अनुसार अगर आप पैनिक अटैक या तनाव से ग्रसित हैं तो आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं. इसके लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, माइंड फुलनेस एक्सरसाइज, बटल फ्लाई ब्रीदिंग एक्सरसाइज, ट्राइंगुलर ब्रीदिंग सबसे ज्यादा कारगर है.
– पैनिक अटैक के दौरान डीप ब्रीदिंग करने से एक्शन और दिमाग में चलने वाले थॉट्स के बीच में गैफ मिल जाता है जो क्विक और पैनिक एक्शन को रोकने का काम करती है.
– पैनिक अटैक तनाव की वजह से बढ़ता है और तनाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि खुद को अकेला रखने से बचें और साथ ही अपनी फीलिंग को शेयर करें.
– पैनिक अटैक होने पर डीप ब्रीदिंग के साथ पानी जरूर पीएं. पैनिक अटैक में घबराहट होती है और सोचने की क्षमता कम हो जाती है ऐसे में पानी पीने से आपको राहत महसूस होगी.
Source : “News18”
Average Rating