कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की प्रस्तावित परियोजना पर सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस पुणे के वैज्ञानिकों से परामर्श लेगा जिला प्रशासन

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धर्मशाला, 22 नवंबर। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की प्रस्तावित परियोजना के कार्यान्वयन में केन्द्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला (सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस) पुणे की विशेषज्ञ सेवाएं ली जाएंगी। इसे लेकर केन्द्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला के वैज्ञानिकों का एक दल मंगलवार से 3 दिनों के लिए जिले के दौरे पर है। यह दल एयरपोर्ट रनवे ब्रिज के निर्माण और उससे जुड़े हर पहलू के गहन अध्ययन के उपरांत व्यवहारिकता रिपार्ट सौंपेंगा। इसके अलावा यह दल परियोजना के पर्यावरण प्रभाव के आकलन समेत पारिस्थितकीय पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर भी परामर्श देगा। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने मंगलवार को वैज्ञानिकों के इस दल सहित सभी संबंधित एजेंसियों की एक बैठक ली और जरूरी दिशा निर्देश दिए।
जिलास्तरीय कमेटी का गठन
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि बैठक में सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस पुणे के वैज्ञाानिकों के दल के सहयोग को एक जिलास्तरीय कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है। उनके कार्य को लेकर विचारार्थ विषय (टर्म ऑफ रेफरेंस) निर्धारित किए गए हैं। यह कमेटी प्रस्तावित परियोजना निर्माण ये जुड़े तय विचारार्थ विषय को लेकर सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस के दल का सहयोग करेगी।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में कांगड़ा के जल शक्ति विभाग धर्मशाला और लोक निर्माण विभाग पालमपुर के अधीक्षण अभियंता, जल शक्ति विभाग शाहपुर, कांगड़ा और धर्मशाला तथा लोक निर्माण विभाग शाहपुर व कांगड़ा के अधिशासी अभियंता, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कांगड़ा के निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के उप प्रबंधक और जिला खनन अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
ये हैं विचारार्थ विषय
जिला स्तरीय कमेटी सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस पुणे के वैज्ञानिकों के दल को प्रस्तावित निर्माण से संबंधित मुख्यतः पांच बिंदुओं को लेकर रिपोर्ट बनाने में सहयोग देगी।

  • मांझी खड्ड पर बनी पानी की योजनाओं को बहाल रखने और उनके स्वाभाविक बहाव को कायम रखने के साथ पारस्थितकीय पहलुओं को लेकर परामर्श देना।
  • खड्ड के ऊपरी और निचले सिरों पर टिकाऊ ढांचागत निर्माण को लेकर सलाह देना।
  • खड्ड के तटीकरण व चैक डैम बनाने और रनवे ब्रिज निर्माण को लेकर मार्गदर्शन करना।
  • प्रस्तावित रनवे ब्रिज क्षेत्र को आवश्यकता होने पर, पूर्णतः खनन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने की जरूरत को लेकर राय देना।
  • प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्रस्तावित एनएच के रि-अलाइनमेंट के चलते मांझी खड्ड पर प्रस्तावित पुल निर्माण को लेकर विशेषज्ञ परामर्श देना।
    डॉ. जिंदल ने बताया कि इसके अलावा लोक निर्माण विभाग ढांचागत निर्माण के संबंध में आवश्यक होने पर अपने स्तर पर एनआईटी अथवा आईआईटी के विशेषज्ञों की सेवाएं लेगा।
    बैठक में सी.डब्ल्यू.पी.आर.एस पुणे के वैज्ञानिक, एडीएम रोहित राठौर, उप निदेशक पर्यटन विनय धीमान सहित जलशक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कांगड़ा और एनएचएआई सहित परियोजना से जुड़े अन्य एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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