हिमाचल प्रदेश में सीएम पोस्ट की सिरफुटौव्वल शुरू : प्रतिभा, सुखविंदर और मुकेश दावेदारों में शामिल।हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. गुरुवार को हुई मतगणना में कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देते हुए जीत का परचम लहराया है. लेकिन, मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के अंदर सिरफुटौव्वल अभी से ही शुरू हो गई है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तीन नेता शामिल बताए जा रहे हैं. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री शामिल हैं.
मंडी से सांसद हैं प्रतिभा सिंह
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस के लिए एक ऐसे नेता का मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में चुनाव करना चुनौतीपूर्ण है, जो पार्टी को आगे ले जाते हुए उसे एकजुट रखने में कामयाबी हासिल कर सके. पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की उनके नेता के चुनाव के लिए शीघ्र बैठक होगी. वैसे तो प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा और वह विधायक भी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने हिमाचल प्रदेश में पार्टी के लिए व्यापक चुनाव प्रचार किया. फिलहाल, वे मंडी से सांसद हैं. वह निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी से लोकसभा उपचुनाव जीती थीं.
प्रतिभा सिंह के पास है वीरभद्र की विरासत
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रतिभा सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत भी है, जिन्होंने चार दशक से अधिक समय तक प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभाली थी. पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि प्रतिभा सिंह को ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो वीरभद्र सिंह के प्रति निष्ठावान रहे हैं. वीरभद्र सिंह लंबे समय तक इस पहाड़ी राज्य में कांग्रेस के निर्विवादित नेता रहे थे. प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य भी शिमला ग्रामीण से विधायक निर्वाचित हुए हैं और वह भी मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान हैं. हालांकि, कई लोग उन्हें इस शीर्ष पद के लिए बहुत कम उम्र का मानते हैं.
क्या है मुकेश अग्निहोत्री का दावा
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नदौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू और हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री भी शामिल हैं. दोनों को उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान क्रमश: प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में उनके काम को ध्यान में जरूर रखेगा. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने दावा किया कि विधायक दल के नेता के रूप में उन्होंने पिछले पांच साल में पार्टी के रुख को प्रमुखता से रखा तथा सरकार के फैसलों का विरोध किया एवं भाजपा के ‘कुशासन’ को लोगों के सामने प्रचार किया. मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण नेता हैं, जबकि सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य में प्रभावशाली ठाकुर समुदाय से हैं.
सीएम पद के कई और हैं दावेदार
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के कई और दावेदार हैं. इनमें पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. वह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पिछले कुछ सालों से गुटबाजी से जूझ रही पार्टी को एकजुट किया. वह बहुकोणीय मुकाबले में ठियोग सीट से चुनाव जीते. कुछ महीने पहले कुलदीप सिंह राठौड़ की जगह प्रतिभा सिंह को पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया गया था. मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान छह बार की विधायक आशा कुमारी एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर इस बार चुनाव हार गये हैं.
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हिमाचल की राजनीति में राज परिवारों की राजनीति खत्म
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में प्रभावशाली रहे कई राज परिवारों का अब प्रभाव खत्म हो रहा है और उनमें से बस दो ही चुनाव जीत पाए हैं, जबकि दो पराजित हो गए हैं. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से 13,860 वोटों के अंतर से जीते, जबकि अनिरूद्ध सिंह कसुम्पटी विधानसभा सीट से विजयी रहे. विक्रमादित्य रामपुर बुशहर के पिछले राजपरिवार से आते हैं. अनिरूद्ध सिंह का कोटि के पिछले राजपरिवार से संबंध है. दूसरी तरफ, पूर्व मंत्री और छह बार की विधायक आशाकुमारी इस बार अपनी डलहौजी सीट से हार गयीं. कुल्लू के राजपरिवार से आने वाले हितेश्वर सिंह बांजर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव हार गए.
Source : “प्रभात खबर”
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