हिमाचल के नए CM बने सुखविंदर सिंह सुक्खू, शपथ ग्रहण समारोह में राहुल-प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता हुए शामिल। सुखविंदर सिंह सुक्खू के रूप में हिमाचल प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। राज्यपाल आरवी अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शिमला में शपथ लेने के बाद हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, “हम पहली कैबिनेट बैठक में जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करेंगे। पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी। पहले लोग कहते थे कि कांग्रेस किसी भी राज्य में सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन आज हमने बीजेपी का ‘रथ’ रोक कर दिया है।”
शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल, कांग्रेस नेता सचिन पायलट समेत कई कई बड़े नेता शामिल हुए।
शिमला में शपथ ग्रहण समारोह के बाद कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हम सभी बहुत खुश हैं। हमने जो भी वादा किया है हम उसे जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू का राजनीतिक सफर
सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। सुक्खू ने छात्र राजनीति में अपना करियर शुरू किया और 2013 से 2019 तक पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के पद पर रहे। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में पार्टी के छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की सेवा की है। 1989 में उन्हें इसकी राज्य इकाई का अध्यक्ष चुना गया। सुक्खू ने राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। राज्य की राजनीति में शामिल होने से पहले, उन्होंने दो बार 1992 और 2002 में शिमला नगर निगम के पार्षद के रूप में कार्य किया। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सुक्खू ने चुनाव अभियान समिति का नेतृत्व किया।
मुकेश अग्निहोत्री काराजनीतिक सफर
पत्रकार से राजनेता बने 60 वर्षीय मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिले में अपने गढ़ हरोली सीट से जीत हासिल की है। अग्निहोत्री ने इस सीट से पहले तीन बार- 2007, 2012 और 2017 में प्रतिनिधित्व किया था। 8 दिसंबर को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला, 68 सदस्यीय सदन में 34 से छह अधिक- 40 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान बीजेपी 25 पर सिमट गई।
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