डिप्टी CM पद का मोह और कांग्रेस विधायक की नाराजगी, हिमाचल में राह आसान नहीं। हिमाचल प्रदेश का डिप्टी CM नहीं बनाने से कांग्रेस विधायक नाराज हो गये हैं। इस बात से नाराज विधायक ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है और यहां वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं।
तीन बार से लगातार सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधायक बन रहे धनीराम शांडिल को इस अहम पद की तमन्ना रखते थे। 82 साल के शांडिल को लेकर यह कहा जा रहा है कि शिमला लोकसभा क्षेत्र से एक प्रतिनिधि होने की वजह से उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उनके नाम का ऐलान उपमुख्यमंत्री पद के लिए जरूर करेगी।
अभी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से आते हैं। शिमला को इस नई सरकार में अभी तक प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला है। धनीराम शांडिल कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रह चुके हैं और वो डिप्टी सीएम के पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। यह भी अंदेशा जताया जा रहा था कि राजपूत जाति से सीएम बनाने के बाद शांडिल को डिप्टी सीएम का पद देकर कांग्रेस ब्राह्मणों को भी साधने की कोशिश करेगी।
बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि धनीराम शांडिल को राज्य कैबिनेट में मंत्री पद भी मिलता है या नहीं। कहा जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व से मुलाकात में वो सोलन जिले से वरिष्ठ जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्री पद की मांग कर सकते हैं। सोलन जिले की पांच में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक की नाराजगी को शांत करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। अभी तक राज्य में कैबिनेट मंत्रियों के नाम को लेकर कुछ भी फैसला नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश के सभी विधायकों को भारत जोड़ो यात्रा के लिए राजस्थान बुलाया। माना जा रहा है कि यह कदम हिमाचल प्रदेश में मंत्री पद पाने के लिए लॉबिंग को रोकने के लिए उठाया गया था। राहुल गांधी से विस्तृत चर्चा के बाद ही हिमाचल में मंत्री पद का बंटवारा किया जाएगा ताकि विधायकों की नाराजगी को दूर किया जा सके।
Source : “Live हिन्दुस्तान”
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