वर्ल्ड कप: लियोनेल मेसी को पहनाई गई काली पोशाक क्या है जिसकी चर्चा हो रही है। रविवार की रात लियोनेल मेसी और उनके चाहने वालों का वो सपना सच हुआ जिसका इंतज़ार कई दशकों से किया जा रहा था. ।
36 सालों के लंबे इंतजार के बाद अर्जेंटीना ने एक बार फिर फुटबॉल के मैदान पर अपनी बादशाहत कायम की.
इससे पहले अर्जेंटीना ने 1978 और 1986 में वर्ल्ड कप जीता था.
अर्जेंटीना की जीत के बाद कई मिनटों तक कैमरा लगातार लियोनेल मेसी को ही फ़ॉलो करता रहा. उनके चेहरे के भावों को देखकर कुछ लोगों की आंखों में आंसू आए तो कुछ लोग जश्न में झूमने लगे. जीत के नायक मेसी एक के बाद एक खिलाड़ियों को गले लगाते हुए दिखाई दिए.
जीत के बाद मेसी ने दो बार स्टेज पर अवॉर्ड लेने के लिए मंच पर क़दम रखा जिसमें से एक को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सवाल-जवाब कर रहे हैं.
पहली बार जब मेसी आए तो उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड दिया गया. टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को ये अवॉर्ड दिया जाता है.
इसके बाद फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी लेने के लिए अर्जेंटीना के खिलाड़ी एक-एक कर स्टेज पर पहुंचे, इस बीच सबकी निगाहें मेसी को तलाशती रहीं.
मेसी सबसे आख़िर में स्टेज की तरफ़ बढ़े. मंच पर उन्हें मेडल पहनाने के बाद क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद अल थानी ने उन्हें काले और सुनहरे रंग की जालीदार पोशाक पहनाई. इस पोशाक को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं तो कुछ लोग इसके पक्ष में लिख रहे हैं.
वहीं कुछ लोग ये भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आख़िर यह पोशाक क्या है और इसे कहते क्या हैं?
क्या है बिश्ट
क़तर टूर्नामेंट आयोजन समिति के महासचिव हसन अल थवाडी ने बीबीसी स्पोर्ट को बताया, “यह एक आधिकारिक अवसर के लिए ड्रेस है और इसे समारोह के लिए पहना जाता है. यह मेसी की जीत के सम्मान में उन्हें पहनाया गया.”
उन्होंने बताया, “वर्ल्ड कप हमारे लिए अरब और मुस्लिम संस्कृति को दुनिया को दिखाने का अवसर था. यह क़तर के लिए नहीं था, यह एक क्षेत्र के उत्सव की ख़ुशी को दिखाता है.”
जो पोशाक मेसी को पहनाई गई उसे बिश्ट भी कहते हैं. यह अरब देशों में एक तरह का सांस्कृतिक पहनावा है. इसे ख़ास मौकों पर ही पहना जाता है. यही वजह थी कि रविवार रात जीत को ख़ास बनाते हुए मेसी को जालीदार, सुनहरे रंग से सजी यह पोशाक पहनाई गई.
हालांकि जब ये पोशाक मेसी को पहनाई जा रही थी तो उन्हें ख़ुद भी समझ नहीं आ रहा था कि इसे कैसे पहनना है. शेख़ तमीम बिन हमद ने यह पोशाक मेसी को पहनाने में मदद की. इसके बाद मेसी ट्रॉफ़ी लेकर ख़ुशी में झूमते हुए अपनी टीम की तरफ़ बढ़े और स्टेडियम में आतिशबाज़ी होने लगी.
सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग
आयरिश ब्लॉगर जॉनी वार्ड ने लिखा कि काली पोशाक ने मेसी की दस नंबर वाली प्रतिष्ठित टी-शर्ट को फ़ोटो के समय ढकने का काम किया है. आख़िर कोई ऐसा क्यों करेगा? यह अपमान है और इसके पीछे क़तर है.
‘वो क्षण जिसका मेसी ने सपना देखा था’ के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए शॉविक बनर्जी ने लिखा, “निश्चित रूप से काला कपड़ा उनके सपनों में नहीं था.”
बलूमा नाम के एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “काले रंग की पोशाक शायद वह पल है जिसने उस क्षण को मेरे लिए बर्बाद कर दिया जब मेसी ने कप उठाया.”
बीडीएम नाम के एक यूज़र ने लिखा कि ‘मुझे बिना काली पोशाक पहने मेसी की ट्रॉफ़ी उठाते हुए तस्वीर चाहिए.
वहीं आदी शाह ने लिखा कि ‘क्या कोई तस्वीरों में से काली पोशाक को एडिट कर हटा सकता है?’
रॉब वेगनर नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा कि अब तक की सबसे प्रतिष्ठित तस्वीर के लिए मेसी को काला कपड़ा पहनने के लिए मजबूर किया गया. राजनीतिक प्रमुखों को मैच के बाद ग्राउंड पर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
दूसरी तरफ़ कुछ लोगों ने मेसी को बिश्ट पहनाए जाने का समर्थन भी किया है. अरबी 21 न्यूज़ के संपादक फ़ेरास अबु ने लिखा, “कई पश्चिमी पत्रकार बहुत परेशान हैं क्योंकि मेसी को जश्न के समय अरब बिश्ट की पेशकश की गई थी.”
“सैंकड़ों ट्विट्स में दावा किया गया कि उन्हें इसे पहनने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन गोल्डन ग्लव्स ट्रॉफ़ी के साथ एमी मार्टिनेज ने जो शर्मनाक हरकत की उसके बारे में एक भी ट्वीट नहीं दिखाई दिया.”
मोहम्मद मुतहिर अली नाम के यूज़र ने लिखा कि क़तर ने सम्मान में मेसी को बिश्ट पहनाया है, लेकिन कुछ पश्चिमी पत्रकारों ने क़तर को नीचा दिखाने के अपने आख़िरी प्रयास के लिए इसे मुद्दा बना लिया है.
वर्ल्ड कप के पुरस्कार
एमबापे (8 गोल) को गोल्डन बूट अवॉर्ड मिला
लियोनेल मेसी को गोल्डन बॉल (सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी) अवॉर्ड मिला. वो 2014 में भी ये अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं.
अर्जेंटीना के एमिलियानो मार्टिनेज़ को गोल्डन ग्लोव अवॉर्ड मिला
अर्जेंटीना के एंजो फ़र्नांडेज़ को यंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला।
Source : “BBC News हिंदी”
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