हिमाचल में 101 करोड़ की मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष की घोषणा। हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने राज्य के अनाथ बच्चों को नए साल में बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में एक पत्रकार सम्मेलन में राज्य के अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष की घोषणा की।
उन्होंने इस योजना के लिए 101 करोड़ रुपये का बजट भी तत्काल उपलब्ध करवाने और इस योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक इस योजना में अपना एक-एक लाख रुपए का योगदान देंगे। उन्होंने भाजपा विधायकों से भी अपना योगदान इस कोष में देने की अपील की। उन्होंने इस योजना को अनाथ बच्चों का सरकार पर अधिकार बताया और कहा कि जिन बच्चों के माँ-बाप नहीं, उनके लिए सरकार ही माता पिता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जरूरतमंदों विशेषकर अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्ध जनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के पहले दिन ही उन्होंने शिमला में बालिका देखभाल संस्था, टूटीकंडी का दौरा कर इस संस्थान से संबंधित विभाग की कार्य प्रणाली को जाना। उन्होंने कहा कि मैंने 28 दिसंबर को नारी सेवा सदन और वृद्ध आश्रम मशोबरा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने महसूस किया कि बेसहारा बच्चों, निराश्रित महिलाओं एवं वृद्धजनों के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के मां-बाप नहीं, उनके लिए सरकार ही माता-पिता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थागत देखभाल के लिए बाल देखभाल संस्थाओं, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और वृद्ध आश्रमों में रह रहे आवासियों को मुख्य त्यौहार मनाने के लिए 500 रुपये का उत्सव अनुदान प्रदान करने की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कोष से सहायता प्राप्त करना सरकारी बंधनों से मुक्त होगा और इनसे कोई आय प्रमाण-पत्र भी नहीं लिया जाएगा। साधारण आवेदन पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संपूर्ण सहायता त्वरित रूप से सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों, संस्थागत देखभाल, फॉस्टर केयर के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे सभी बच्चों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन में रह रही निराश्रित महिलाओं और वृद्धाश्रमों में रह रहे आवासियों को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य अनाथ बच्चा जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चिन्हित किया जाता है तो उसे भी इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा।
करुणा नहीं, अनाथ बच्चों का प्रदेश सरकार पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रदेश सरकार 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित करेगी’ ताकि जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों, आई.आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.टी., आई.आई.एम, पॉलिटैक्निक संस्थानों, नर्सिंग एवं डिग्री कॉलेजों आदि में ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा और व्यावसायिक कौशल विकास शिक्षा पर होने वाले व्यय को प्रदेश सरकार वहन करेगी। इनको आवश्यकता के अनुसार जेब खर्च के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि ये बच्चे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कोई करुणा नहीं बल्कि अनाथ बच्चों का प्रदेश सरकार पर अधिकार है।
Source : “दैनिक ट्रिब्यून”
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