मनाली का विंटर कार्निवाल बना पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र

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पर्यटन को सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने प्रदर्शित करने ,व संरक्षित करने  व आर्थिकी मज़बूत करने में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका।

विश्व प्रसिद्द पर्यटन नगरी मनाली में मनाए जाने वाले विन्टर कार्निवाल ने  पिछले कुछ वर्षों में देश भर में अलग पहचान बनाई है ।

आज इस कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाने के लिए न केवल देश भर के बल्कि विदेशों से भी  भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

शुरुआत में इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य शरदकालीन खेलों को बढ़ावा देने के साथ साथ प्रदेश की, विशेषकर कुल्लू जिला की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर , यहां के पारंपरिक लोक नृत्य, पहरावा, व खान पान से यहां आने वाले पर्यटकों को रूबरू करवाना है।

समय के साथ साथ विंटर कार्निवाल में आयोजित होने वाली गतिविधियों  में भी बदलाव आता रहा।

वर्तमान में विंटर कार्निवाल के दौरान जहां स्थानीय पारम्परिक जीवन से सम्बंधित झांकियां, लोकनृत्य, एवं महानाटी का आयोजन किया जा रहा है, वहीं शरद सुंदरी एवं वॉइस ऑफ कार्निवाल जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित  की जा रही हैं।

इसके अलावा स्थानीय लोगों व पर्यटकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक संध्याओं का भी आयोजन किया जा रहा है।

उत्सव ज़िले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ साथ यहां के लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ करने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। 

राष्ट्रीय स्तरीय विंटर कार्निवाल का मुख्य आकर्षण विंटर क्वीन प्रतियोगिता में जगह बनाने के लिए राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित ऑडिशन में युवतियां भाग लेती हैं। चयनित सुंदरियों में पहले राउंड के लिए 20 का चयन किया जाएगा। यह 20 सुंदरियां मनु रंग शाला में अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाएगी। 

 वॉयस ऑफ कार्निवाल के लिए हुए ऑडिशन में  प्रतिभागियों द्वारा  अपनी सुरीली आवाज का परिचय दिया जाता है।

2 जनवरी 2023 को पर्यटन नगरी मनाली में सोमवार को विंटर कार्निवाल 2023 का शानदार आगाज हुआ। माता हिडिंबा की पूजा के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने  झांकियों को हरी झंडी दी। प्रदेश की ठेठ पहाड़ी सांस्कृतिक विरासत का दर्शन और सामाजिक जागरूकता का संदेश देती भव्य सांस्कृतिक झांकियों ने पर्यटकों दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने लगभग दो घण्टे माल रोड में बैठकर झांकियों का आनंद लिया। 

दोपहर को उन्होंने मनुरंगशाला में पांच दिनों तक होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी उद्घाटन किया। सर्किट हाउस से मनाली के मालरोड तक निकली झांकियों को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। विलुप्त होते पकवान, स्वच्छता अभियान,  बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, विलुप्त होते आनाज, परंपरागत कार्यकलाप को दर्शाती महिला मंडलों की झांकियों को देश-विदेश से सैर सपाटे को पहुंचे भी पर्यटक भी देखते ही रह गए। कार्निवाल में लगभग 188 महिला मंडलों की झांकिया निकलीं। इसके अलावा 23 सांस्कृतिक दलों ने भी इसमें भाग लिया। पर्यटन नगरी मनाली में महिला मंडलों और सांस्कृतिक दलों की झांकियों के साथ विंटर कार्निवाल का आगाज हो गया है। झांकियों के माध्यम से महिलाओं ने ग्रामीण परिवेश में कपड़े धोने, स्थानीय पकवान सिड्डू, फेंबड़ा, भल्ले आदि का भी शानदार प्रदर्शन किया। प्राचीन चूल्हे में खाना पकाती महिलाओं की झांकी को देख पर्यटक भी आकर्षित हुए। महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों से ओतप्रोत झांकियों से मनाली सराबोर हो गईं। जैसे ही झांकियां मनाली मालरोड से गुजरीं तो स्थानीय दर्शकों के साथ-साथ देश-विदेश से मनाली पहुंचे सैलानियों ने इस ऐतिहासिक पल को अपने कैमरों में कैद किया।  

शरद उत्सव में जहां विभिन्न महिला मंडलों तथा स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थानीय व्यंजनों के स्टाल लगाए गए, वहीं पर यहां के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों के भी स्टाल लगाए गए हैं।

 इन के माध्यम से देश दुनिया को स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का भी अवसर मिल रहा है, वहीं पर स्थानीय दस्तकारी से बनाये हुए विभिन्न उत्पाद भी पर्यटकों को उपलब्ध हो रहे हैं।

उत्सव में युवतियों के लिए जहां एक तरफ शरद सुंदरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया वहीं स्थानीय महिलाओं ने भी स्थानीय पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर कैटवॉक करके पारंपरिक परिधानों के साथ यह के पुरातन संस्कृति सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हुई वस्तुओं का प्रदर्शन किया इसके माध्यम से उन्होंने लुप्त हो चुकी कई पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहरों की तरफ ध्यान आकर्षित किया जिनमें की पुराने समय में पानी पानी लाने के लिए बकरे की खाल का प्रयोग, ओखली, ऊन की कताई, ऊनी वस्त्र बनाने की प्रक्रिया आदि का भी प्रदर्शन किया जिसको सभी लोगों ने बहुत सराहना की।

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