ऊना के पड़ोसी जिला हमीरपुर के समीप के क्षेत्र में डायरिया के मामले सामने आने से जिला प्रशासन ऊना भी सतर्क हो गया है। इसी के चलते वीरवार को अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने संबंधित विभागों जिसमें मुख्यतः जलशक्ति, स्वास्थ्य, एमसी व बीडीओ के साथ आवश्यक बैठक की।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ऊना ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला के समस्त पारम्परिक पेयजल स्त्रोतों तथा जल भंडारण टैंकों की नियमित साफ-सफाई के अलावा उनमें क्लोरीनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिए कि वे सभी शिक्षण संस्थानों में पानी की टंकीयों की साफ-सफाई करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखें तथा जनप्रतिनिधियों तथा पंचायत सचिवों को पेयजल स्त्रोतों की साफ-सफाई करवाने के निर्देश दें। उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि वह समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों व पानी की पाईपों से होने वाले रिसाव जांच करें। उन्होंने कहा कि पानी में अशुद्धता पाए जाने पर संबंधित विभाग को सूचित करें।
एडीसी ने जिला के समस्त कार्यालय अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे भी पेय जल टंकियों को ढक कर रखें तथा उनकी सफाई करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जल जनित रोगों के उपचार से संबंधित अपनी पूरी तैयारी रखें। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला के किसी भी क्षेत्र में डायरिया के लक्षण पाए जाने की स्थिति में कोई भी व्यक्ति जिला आपदा प्रबंधन के टोल फ्री नंबर 1077 पर भी सूचित कर सकता है। एडीसी ने जिलावासियों से आग्रह किया है कि वे अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखंे तथा पानी को उबाल कर पीएं ताकि जलजनित रोगों के संभावित खतरे से बचा जा सके।
इस अवसर पर जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद धीमान व प्रवीण कुमार शर्मा, खंड विकास अधिकारी ऊना रमनबीर चैहान, खंड विकास अधिकारी बंगाना रमेश चंद, खंड विकास अधिकारी गगरेट ओम पाल डोगरा, खंड विकास अधिकारी अंब हरिचंद अत्री, खंड विकास अधिकारी हरोली अनिल के अलावा विभिन्न नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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