Himachal News: ओपीएस बहाल करने वाले राज्यों को नहीं मिल सकेगा अतिरिक्त कर्ज, केंद्र ने बदले नियम। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने वाले राज्यों को आने वाले दिनों में आर्थिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाले राज्यों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र से मिलने वाला अतिरिक्त कर्ज नहीं मिल सकेगा।
नए पेंशन सिस्टम के तहत राज्य सरकारें अपना और कर्मचारी की सैलरी का एक तय हिस्सा पेंशन फंडिंग रेगुलेटरी डेवलेपमेंट अथॉरिटी को देते हैं, जिसे बाद में कर्मचारी को पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसके तहत पेंशन फंडिंग एडजस्टमेंट के तहत राज्य सरकारें केंद्र से अतिरिक्त कर्ज ले सकती हैं।
यह अतिरिक्त कर्ज राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का तीन फीसदी तक हो सकता है। हालांकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पंजाब ने नया पेंशन सिस्टम छोड़कर पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2023-24 में इन राज्यों को केंद्र सरकार अतिरिक्त कर्ज देने से इंकार कर सकती है।
कर्मचारी भी ठगा हुआ कर रहे महसूस ओपीएस को लेकर नहीं हुई अधिसूचना
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए झूठ बोलकर हिमाचल प्रदेश की जनता को गुमराह किया। पढ़ी-लिखी जमात कर्मचारियों को भी गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कैबिनेट बैठक में भी चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान वाली बातें ही कही गईं। कुछ स्पष्ट स्थिति नहीं हो पाई है।
जयराम शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के लिए ऊना पहुंचे थे। पत्रकारों से बातचीत में जयराम ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अभी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। फॉमूला वर्कआउट नहीं हो पाया है। जनवरी की एनपीएस की धनराशि भी कट गई है। ओपीएस अभी लागू होने की संभावना नहीं है।
कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि 18 से 60 साल तक महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देंगे। पहली कैबिनेट बैठक में देंगे, लेकिन कुछ साफ नहीं हो पाया है। कहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक से पहले कोर ग्रुप की बैठक होती है। इसमें एजेंडे पर चर्चा होती है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व का निर्णय, जो होगा वह होगा।
By अमर उजाला via Dailyhunt
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