बीपीएल की आय सीमा बदले सरकार।बीपीएल सूची में किसी परिवार को शामिल होने और कई अन्य सरकारी स्कीमों की पात्रता के लिए सरकार ने 35 हजार रुपए सालाना से कम की आय की सीमा निर्धारित की है जो वर्तमान समय में अप्रासंगिक है।
ये बात माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कही और सरकार से इस आय सीमा को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आज के महंगाई के दौर में ऐसा कोई भी परिवार नहीं हो सकता है, जो अढ़ाई-तीन हजार रुपए मासिक आय से अपना गुजर बसर कर सकता है। इस आय को निर्धारित करने के लिए राजस्व विभाग उस परिवार के पास उपलब्ध भूमि को भी आधार बनाकर गणना करता है, जिसमें बहुत सी जमीन जो अब बंजर है और उससे कोई आय प्राप्त नहीं होती है। उसे भी इसमें शामिल किया जाता है, जिसके चलते बहुत से ऐसे परिवार जिनमें न कोई नौकरी करता है और न ही कोई अन्य आमदनी का साधन है, वे उन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं।
यही नहीं बहुत से लाभार्थियों को कम आय का प्रमाण पत्र लेने के लिए कई तरह के गलत तौर तरीकों का सहारा लेना पड़ता है। कई विभागीय अधिकारियों को इससे भ्रष्टाचार करने के लिए मौका मिलता है। कई विभागों में होने वाली भर्ती के पद इसलिए खाली रह जाते हैं। क्योंकि वहां पर कोई भी अभ्यर्थी 35 हजार रुपए सालाना आय वाला नहीं होता है। इसी प्रकार पंचायतों द्वारा बीपीएल परिवारों के चयन के समय लिए जाने वाले शपथ पत्र में भी हो रहा है। इसलिए सरकार को ये आय सीमा बढ़ानी चाहिए। तभी पात्र परिवारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकता है और आय प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों से जनता को छुटकारा मिल सकता है। प्रदेश में बनी नई सरकार को इस बारे फैसला लेना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने आगजनी और अन्य प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त होने वाली संपत्ति के मुआवजे की राशि की बढ़ाने की भी मांग की है, जो वर्तमान में बहुत कम दी जाती है।
By Divya Himachal
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