कुल्लू 28 मार्च
कृषि विभाग की आतमा परियोजना के अंतर्गत कृषि तकनीक प्रबंधन कार्यक्रम के तहत ‘इनपुट डीलर के लिए कृषि प्रसार कार्यक्रम में डिप्लोमा’ शिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसमें राज्य कृषि प्रसार प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा के निदेशक डॉक्टर राजेश सूद ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 48 हफ्तों के लिए आयोजित किया जाता है जिसमें 80 कक्षाएं लगती हैं तथा 8 फील्ड यात्राएं करवाई जाती हैं।
इस कार्यक्रम को विभाग द्वारा हैदराबाद के मैनेज संस्थान के साथ संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है जिसके अंतर्गत कृषि इनपुट के डीलर को डिप्लोमा प्रदान करने के लिए जोकि वैधानिक रूप से अनिवार्य है, यह कार्यक्रम चलाया जाता है।
उन्होंने बताया कि यदि कोई अन्य व्यक्ति भी भविष्य में कृषि इनपुट की बिक्री का कार्य करना चाहता हो तो वह लोग भी इस डिप्लोमा कार्यक्रम में एडमिशन ले सकते हैं जिसके लिए वांछित योग्यता 10वीं पास रहती है तथा इसके लिए उन्हें 20 हज़ार रुपये शुल्क देना पड़ता है। उन्होंने बताया यह डिप्लोमा सरकार द्वारा कृषि इनपुट में कार्य करने वाले सभी लोगों के लिए अनिवार्य किया गया है जिसके अंतर्गत उनको विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न विषयों जिनमें मृदा टेस्टिंग, पेस्टिसाइड्स व इंसेक्टिसाइड का प्रयोग, प्राकृतिक कृषि के तरीके, फर्टिलाइजर मैनेजमेंट आदि पर व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक आज आतमा डॉक्टर सुधीर कुमार ने प्राकृतिक कृषि तथा इसके महत्व पर व्याख्यान दिया उन्होंने कहा कि आज प्राकृतिक कृषि की आवश्यकता और भी बढ़ गई है क्योंकि भोजन के केमिकल युक्त होने की वजह से विभिन्न किस्म की नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं, जिसके लिए हमें प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ने की शुरुआत करना अपरिहार्य एवं अनिवार्य है।
उप परियोजना निदेशक डॉक्टर बिंदु शर्मा ने भी अपने विचार रखे। फैसिलिटेटर डॉक्टर हीरालाल ठाकुर ने बताया कि प्रत्येक रविवार को इससे संबंधित शिक्षण की कक्षाएं संचालित होंगी।
Average Rating