लेकिन अब नये कोरोना केस के सामने से पुराने टीके प्रोटेक्ट रखने के काबिल नहीं हैंं. भारत अपना कोविड बूस्टर अपडेट करे हालात के मद्देनजर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि नये कोरोना केस की रफ्तार को देखते हुए भारत को अब अपना कोविड बूस्टर अपडेट करना चाहिए, क्योंकि पुराने कोविड टीके किसी काम के नहीं रह गए. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा है कि भारतीय टीके वर्तमान में वुहान स्ट्रेन या उस स्ट्रेन के लिए हैं जोकि दिसंबर 2019 में फैल रहा था.
लेकिन साल 2021 और उसके बाद अब 2023 तक आते-आते कोरोना वायरस के रूप बदल चुके हैं. न्यूज18 (इंग्लिश) की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि आज के समय में वायरस का तनाव फैल गया है और यह बड़ी तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है. उनके मुताबिक अल्फा, बीटा, डेल्टा से लेकर अब ओमिक्रॉन और उससे पैदा हुए वायरस बहुत पहले से ही खरतनाक हो चुके हैं.
इनका मुकाबला जरूरी है. कई देश पहले ही कर चुके हैं टीके अपडेट जानकारी के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई ऐसे देश हैं जहां टीकों को अपडेट कर दिया गया है. उन देशों में अपग्रेटेड टीके नये वायरस को फैलने से रोकने में सक्षम हैं. लेकिन भारत में अब तक टीके अपटेड नहीं किये गये हैं.
अगर कोरोना केस की रफ्तार धीमी नहीं पड़ी तो इससे खतरा बढ़ सकता है. घबराने की जरूरत नहीं है – डॉ. गुलेरिया हालांकि डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देशवासियों से यह भी कहा है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
भारत में फिर से कोरोना केस बढ़ जरूर रहे हैं, लेकिन इसके लिए सावधानी रखने की सख्त जरूरत है. सतर्कता से इसे फैलने से रोका जा सकता है. अभी क्यों बढ़ रहा है कोरोना डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि फिलहाल तीन वजहों से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं.
उसमें पहला – लोगों में बढ़ती असावधानी, दूसरा – वायरस का रूप बदलना और तीसरा -मौसम में बार-बार आने वाला परिवर्तन. तीनों के ही मिले जुले असर से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं. उनके मुताबिक नया XBB.1.16 वैरिएंट ओमिक्रॉन का ही नया रूप है. ओमिक्रॉन बड़ी तेजी से लोगों को संक्रमित करता है. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा है कि वायरस के इस रूप से विशेष तौर पर बुजुर्गों और बीमार लोगों को सावधान रहना चाहिए. अगर संक्रमण के मामले बढ़ेंगे, तो बुजुर्ग, कमजोर और बीमार लोगों के लिए खतरा बढ़ जाएगा.
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