मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 100 मेगावाट ऊहल-3 जलविद्युत परियोजना को मई, 2024 तक क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री आज यहां ऊर्जा विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विद्युत परियोजना के क्षतिग्रस्त पेनस्टॉक को 8 माह के भीतर बदलने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की स्थापना में पहले ही देरी हो चुकी है और अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में परियोजना कार्य पूरा करने के लिए अथक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार परियोजना को पूरा करने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी तथा वह स्वयं इस वर्ष 15 जून, 2023 को परियोजना स्थल का भ्रमण कर इसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश सरकार राज्य के सम्भावित उद्यमियों को 100 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बैंकों से इन परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए सहायता भी प्रदान करेगी। उन्होंने इस योजना की रूपरेखा शीघ्र तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक युवा इसका लाभ ले सकें।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में प्रस्तावित छः ग्रीन कॉरिडोर की स्थापना से सम्बंधित कार्योे की प्रगति की समीक्षा भी की तथा इस वर्ष अक्तूबर तक सभी ग्रीन कॉरिडोर के लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लगभग 1600 किलोमीटर लम्बे इन कॉरिडोर के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जायेंगे, जिनमें इन कॉरिडोर के दायरे में आने वाले शहर भी शामिल होंगे। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ई-बसों, ई-ट्रकों, ई-टैक्सियों और ई-माल वाहकों की खरीद पर 50 प्रतिशत का उपदान प्रदान कर रही है और ई-वाहनों को चार्ज करने के लिए राज्य में पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि हिमऊर्जा को इन छः कॉरिडोर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने का अधिकार प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को 200 मेगावाट की सौर परियोजनाओं को दिसंबर, 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्हें अवगत करवाया गया कि प्रथम चरण में 45 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने लाहौल-स्पीति जिले में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, बहुउद्देश्शीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा, निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा, हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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