हिमाचल की इकोनॉमी को नई रफ्तार देने में अहम होगा धर्मशाला जी20 सम्मेलन

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धर्मशाला, 18 अप्रैल। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हिमाचल के लिए धर्मशाला में होने जा रहा जी20 सम्मेलन बहुत अहम रहने वाला है। यह आयोजन प्रदेश की वैश्विक ब्रांडिंग और इकोनॉमी को नई रफ्तार देने वाला साबित होगा। भारत को पहली बार मिली जी20 की सरदारी के बाद हिमाचल को यह इवेंट मिलना बेहद उत्साहवर्धक है। ऐसे में सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि हिमाचल सरकार इस अवसर को कैसे भुनाती है। लिहाजा प्रदेश सरकार सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। सम्मेलन का सफल आयोजन वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण होगा। यहां पर्यटन उद्योग के साथ साथ, एक्जीबिशन इंडस्ट्री तथा आईटी से जुड़े लोगों के लिए नई संभावनाएं बनेंगी।
वहीं, हिमाचल सरकार का प्रयास है कि धर्मशाला को वैश्विक इवेंट स्थल के तौर पर प्रमोट किया जाए। इसमें भी जी20 सम्मेलन मददगार होगा। धर्मशाला में जी20 समूह के प्रतिनिधियों के लिए सभी इंतजाम चाक चौबंद करने के साथ ही उन्हें हिमाचल और कांगड़ा की विरासत, कल्चर के साथ साथ, खानपान, कला, हैंडीक्राफ्ट से भी रूबरू कराने के प्रबंध किए हैं ताकि वे यहां की समृद्ध संस्कृति की नई तस्वीर अपने दिन दिमाग में सहेज कर साथ ले जाएं।
बता दें, 19-20 अप्रैल को होने वाले इस सम्मेलन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर चर्चा के लिए जी 20 देशों के प्रतिनिधि धर्मशाला पधारे हैं। हिमाचल में उनके प्रवास को यादगार बनाने के लिए तमाम प्रबंध किए गए हैं।
देश दुनिया में होगी हिमाचली उत्पादों की ब्रांडिंग
हिमाचल सरकार का मेहमानों को दिए जाने वाले तोहफों के जरिए हिमाचली कला और संस्कृति को बड़े स्तर पर प्रमोट करने का प्लान है। मुख्यमंत्री गाला डिनर में डेलीगेट्स को हिमाचली टोपी-शॉल के अलावा कांगड़ा पेंटिंग्स देकर सम्मानित करेंगे। वहीं उन्हें पाइन निडल ईयर रिंग्स, किन्नौरी फ्लावर कोस्टर, देव संस्कृति के प्रतीक मोहरों के साथ ही हिमाचली हस्तशिल्प उत्पाद ट्वीड टोट बैग और जूट मैट उपहार में दिए जाएंगे। इससे देश दुनिया में हिमाचली उत्पादों की ब्रांडिंग होगी।
इस दौरान प्रदेश की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाने के लिए विविध सांस्कृतिक नृत्य एवं संगीत कार्यक्रम का आयोजन भी रहेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, सिरमौर, किन्नौर और चंबा जिले के लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
हिमाचली लोक संस्कृति और पकवानों की प्रमोशन
सम्मेलन में भाग लेने के लिए 18 अप्रैल को धर्मशाला पहुंचे विभिन्न देशों के साइंटिस्ट, नीति निर्माता और विशेषज्ञों का कांगड़ा हवाई अड्डे पर हिमाचली परंपरा के अनुरूप स्वागत सत्कार किया गया। साथ ही उन्हें सिड््डू तथा अन्य हिमाचली पकवान और एप्पल टी, कांगड़ा टी जैसे पेय सर्व किए गए। एयरपोर्ट पर लोक कलाकारों ने हिमाचली फोक कल्चर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मेहमानों का मन मोह लिया। एयरपोर्ट पर अभूतपूर्व स्वागत और हिमाचली संस्कृति से डेलीगेट्स बेहद प्रभावित नजर आए। इस दौरान मेहमानों ने हिमाचली गानों व वाद्य यत्रों की धुनों पर लोक कलाकारों के साथ थिरकते हुए आनंद लिया।
19 को आएंगे सीएम
सम्मेलन में 19 अप्रैल को दिन में तकनीकी सत्र होंगे, वहीं रात्रि में मेहमानों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से ‘गाला डिनर’ का आयोजन किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शिरकत करेंगे, गाला डिनर का आयोजन एचपीसीए में होगा।
20 अप्रैल को योग सत्र में भाग लेने के उपरांत प्रतिनिधि धर्मशाला व आसपास के स्थानों के भ्रमण पर रहेंगे। इस दौरान वे धर्मशाला के नरघोटा में चाय बागानों का दीदार करेंगे तथा बागान में चाय की पत्तियां चुनने का अनुभव भी लेंगे। वे मान टी फैक्टरी में चाय की प्रोसेसिंग जानने के साथ ही चाय के विविध फ्लेवर्स का टेस्ट भी लेंगे। उसके उपरांत वे कांगड़ा कला संग्रहालय का भ्रमण करेंगे। कला संग्रहालय में हिमाचली कला-संस्कृति और शिल्प से रूबरू होने के साथ ही लाईव कांगड़ा पेंटिंग भी का भी अनुभव ले सकेंगे।

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