ऊना, 7 सितंबर 2022- प्रदेश व केंद्र सरकार किसानों की आय वृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है तथा इसके लिए कृषि, पशुपालन तथा बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रहीं हैं, जिनका सीधा लाभ पाकर किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। यह बात ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन तथा मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने झलेड़ा में दुग्ध उत्पादकों के लिए आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान कार्यकाल में पशु पालकों की सुविधा के लिए प्रदेश में 100 से अधिक पशु अस्पताल खोले हैं। जहां पर आधुनिक तकनीक व उपकरणों की सहायता से पशु चिकित्सक पशुओं का उपचार कर रहे हैं। जिला ऊना के बरनोह में 3 जिलों के लिए एक आधुनिक पशु आंचलिक अस्पताल बनाया गया है जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त डंगेड़ा में साढ़े 8 करोड़ रुपए की लागत से मुर्राह प्रजनन केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जिनके बनने से ऊना व सीमावर्ती जिलों में भी पशुपालकों को इसका लाभ हासिल होगा।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कृषि व बागवानी के अलावा बकरी पालन तथा सूअर पालन को वैकल्पिक आय का साधन बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गोवंश में फैल रही लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है तथा पीड़ित पशुओं के उपचार के लिए मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि बीमारी के आरंभिक लक्षण आने पर ही तुरंत पशु चिकित्सकों की सहायता से उनका इलाज करवाएं।
कार्यशाला में पशुपालन विभाग ऊना के चिकित्सकों ने किसानों को पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ाने के उपायों के अलावा वैज्ञानिक विधि से पशुओं की देखभाल, पशुओं को दिए जाने वाला संतुलित आहार, तथा गोवंश में होने वाले लंबी रोग बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन की ओर से आए हुए लगभग 125 किसानों को 5 लीटर क्षमता के स्टील के डिब्बे ( मिल्क कंटेनर) आवंटित किए गए।
इस अवसर पर जिला परिषद ऊना के उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, कुटलैहड़ भाजपा मंडल के अध्यक्ष तरसेम लाल, मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट ढगवार जिला कांगड़ा के प्रबंधक बीएम कटोच, लाल सिंगी स्थित मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के कंसलटेंट प्रदीप शर्मा, मिल्क फेडरेशन के निदेशक राजेंद्र मलांगड़ सहित दुग्ध उत्पादन से जुड़ी विभिन्न सहकारी सभाओं के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि गण तथा क्षेत्र के अनेक दुग्ध उत्पादक उपस्थित थे।
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