एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीयजनसंपर्क दिवस 2023 पीआरएसआई शिमलाचैप्टर और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के संयुक्ततत्वाधान में आयोजित किया गया, जिसकीअध्यक्षता प्रो चांसलर डॉ रमेश चौहान ने की ।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉचौहान ने कहा कि भारत वर्ष एक दिसंबर,2022 सेनवंबर 2023 तक शक्तिशाली समूह जी-20 कीअध्यक्षता कर रहा है । उन्होंने कहा कि भारत द्वाराआजादी के 75 वर्ष के अवसर पर विशेषज्ञ द्वारावैश्विक देशों के इस बड़े समूह की अध्यक्षता केकई मायने हैं । सीधे शब्दों में कहा जाए तो यहवैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने कीबड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
डॉ चौहान ने कहा कि इस समूह में विश्व के तमामविकसित देश शामिल हैं जिनकी विश्व सकल घरेलूउत्पाद में करीब 85% की भागीदारी है, ऐसे मेंप्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियतको पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद देश केदेश में तेजी से बढ़ते कद को लेकर गोरा ऐसे मेंप्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियतको पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद को लेकरगौरवान्वित महसूस करना चाहिए।उन्होंने कहा किभारत को G 20 की अध्यक्षता मिलना इस बात कोदर्शाता है कि भारत वैश्विक ताकतों के बीच विश्वनेता बन कर उभरा है।डॉ चौहान ने कहा कि भारतवर्ष पुरानी काल से अपने नैतिक एवं जीवंत औरउच्च मूल्यों के लिए विश्व भर में विख्यात रहा है ।उन्होंने कहा कि हमारे संत आदि शंकराचार्य ने अपनेव्याख्यान से जनमानस को प्रेरित किया और 4 पीठोंकी स्थापना की।
वरिष्ठ पत्रकार एवं प्राध्यापक डॉ अश्विनी शर्मा नेउभरते हुए युवा पत्रकारों को आह्वान किया कि वेपत्रकारिता के उच्च मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों काअनुसरण करें ।उन्होंने कहा कि हाल ही में धर्मशालामें हुए जी-20 सम्मेलन में दूरदराज क्षेत्रों कीमहिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जीत केप्रतिनिधियों को उपहार के तौर पर देखकर हिमाचलकी समृद्ध संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुंचाने कासार्थक प्रयास किया गया , इससे हिमाचल कीसमृद्ध संस्कृति परिलक्षित हुई जिससे जी- 20देशोंके प्रतिनिधियों ने पसंद किया ।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए भारतमें तैयार की गई तीन वैक्सीन ना केवल भारतवर्ष केलोगों के लिए कवच बनी, बल्कि दूसरे देशों के लोगोंके लिए भी जीवनदायिनी सिद्ध हुई।उन्होंने कहा किभारतवर्ष में तैयार इन तीनों वैक्सीन पर सर्व जनसुखाय, सर्व जन हिताय लिखा हुआ है, यानी सबलोग स्वस्थ और निरोगी रहें । उन्होंने कहा किप्राचीन काल से वासुदेव कुटुंबकम यानी पूरा विश्वएक परिवार की अवधारणा भारत की संस्कृति कीरही है, जिसे हमें भविष्य में भी कायम रखना चाहिए।उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां हैंऔर इनका सामना ज्ञान के आदान-प्रदान से होनाचाहिए।
संचार एवं प्रबंधन संस्थान सोलन के निदेशक डॉबृजेंद्र सिंह पंवार ने जी -20 और इससे जुड़ीगतिविधियों पर विस्तृत व्याख्यान दिया ।उन्होंने कहाकि विश्व की अधिकतर सभ्यताएं आपस में परस्परजुड़ेंगी तथा इससे आर्थिक विकास के विस्तार मेंसहायता मिलेगी । उन्होंने कहा कि जी 20 आध्यात्मिक और सुधारवादी विस्तार में अपनीमहत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और विश्व केकल्याण व विकास में सहयोग दे रहा है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग केआचार्य डॉक्टर प्रमोद शर्मा ने अपने व्याख्यान मेंकहा कि विश्वास और लोक संपर्क का गहरा रिश्ताहै और आज के संदर्भ में आम जनमानस पर मीडियाका विश्वास कम होता जा रहा है जो चिंता काविषय है ।उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में होरही 215 जी 20 बैठकों से “एक परिवार और एकभविष्य की परिकल्पना” सार्थक सिद्ध होगी जिससेवसुधैव कुटुंबकम की प्रतिबद्धता और अधिक सुदृढ़होगी। आज के परिपेक्षय में भारतवर्ष के मानवसंसाधन विकास के लिए भोजन, शिक्षा औरस्वास्थ्य का समुचित प्रबंध होना चाहिए जिससेहमारा देश एक विश्व शक्ति के रूप में उभर करसामने आएगा।
आचार्य प्रमोद शर्मा ने बताया कि परिवार किसीसमाज व देश की आचार्य प्रमोद शर्मा ने कहा किपरिवार किसी समाज व देश के विकास का आधारस्तंभ है तथा आज के परिपेक्क्षय में हमें इसे औरमजबूती देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा किकिसी भी देश में आर्थिक एवं राजनीति का परस्परसंबंध है लेकिन आर्थिकी का महत्व अधिक है जोकि राजनीति को भी प्रभावित करता है। उन्होंने जी20 देशों के समूह को वैश्विक स्तर पर अधिकप्रभावशाली नीतियों के कार्यान्वयन के लिएकनेक्टिविटी बढ़ाने पर बल दिया ।इसके अतिरिक्तजनसंपर्क को और अधिक मजबूती देने का भीआह्वान किया ।
इससे पूर्व शिमला चैप्टर के अध्यक्ष श्री प्रदीप कंवरने अपने उद्बोधन में कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय पीआरएसआई द्वारा दिया गया विषय “जी 20 औरभारतीय मूल्य: जनसंपर्क का परिपेक्षय बहुतमहत्वपूर्ण व प्रासांगिक है। उन्होंने कहा कि अभी19 व 20 अप्रैल 2023 को धर्मशाला में जी-20 कासम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें सभी देशों केप्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा किपीआरएसआई जिसकी स्थापना वर्ष 1958 में हुई, जनसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्णराष्ट्रीय स्तर की संस्था है ।उन्होंने कहा कि शिमलाचैप्टर वर्ष 2006 में स्थापित हुआ, जिसमें केंद्रीय वराज्य सरकार तथा जनलोक क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों केअतिरिक्त पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्रों एवंअध्यापकों की सदस्यता शामिल है ।
इस कार्यशाला में 92 वर्षीय वृष्ठत्म जनसंपर्क कर्मीश्री शिव सिंह चौहान जो कि संस्था के आरंभ से जुड़ेहैं, ने भी शिरकत की ।
आचार्य राजेंद्र सिंह चौहान कुलपति एपीजी शिमलायूनिवर्सिटी, श्री प्यार सिंह ठाकुर विभागअध्यक्ष, एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी,पत्रकारिता एवम्जनसंचार के अतिरिक्त कई विभागों के आचार्य वछात्रों ने भाग लिया ।पत्रकारिताविभाग के छात्रों नेजनसंचार माध्यम में हुए परिवर्तन पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत की । पीआरएसआइ शिमलाचैप्टर के सचिव डॉ रणवीर वर्मा ने धन्यवाद प्रस्तावप्रस्तुत करते भी कहा कि जी-20 देशों का धर्मशालासम्मेलन राष्ट्रीय जन संपर्क दिवस साथ साथआयोजित होने से भारतवर्ष की अध्यक्षता होनाअपने आप में विश्व शक्ति वहविश्व गुरु की औरएक सार्थक प्रयास है।
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