CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के ड्रीम प्लान पर कहीं फिर न जाए पानी, वाटर सेस को लेकर एक के बाद एक अड़चन

Read Time:6 Minute, 36 Second

Himachal Water Cess : CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के ड्रीम प्लान पर कहीं फिर न जाए पानी, वाटर सेस को लेकर एक के बाद एक अड़चन।

शिमला: कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार ने खजाने को सांस देने के लिए वाटर सेस लगाने का फैसला लिया है. हिमाचल में बह रही नदियों के पानी पर बनी बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का बिल विधानसभा में पारित किया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को आशा है कि इससे सालाना 4 हजार करोड़ रुपए तक का राजस्व जुटाया जा सकेगा, लेकिन अब इस ड्रीम प्लान पर पानी फिरने की आशंकाएं बढ़ रही हैं. कारण ये है कि पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा की सरकारें वाटर सेस को लेकर आपत्ति जता रही हैं.

केंद्र से मिला पत्र
केंद्र सरकार के पत्र ने बढ़ाई चिंता: अब इस कड़ी में केंद्र सरकार का एक पत्र भी हिमाचल के लिए चिंता का विषय बन गया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को एक पत्र लिखा है. केंद्र सरकार के इस पत्र के अनुसार राज्यों को पीक आवर्स या इमरजेंसी में बिजली देने के लिए मेरिट को आधार बनाया जाएगा. इसके लिए ऑर्डर ऑफ मेरिट का फार्मूला लागू होगा. देश के जो राज्य अपनी हदों में यानी अपनी सीमाओं में बिजली और पानी से जुड़े कार्यक्रमों, परियोजनाओं आदि में कोई टैक्स, सेस अथवा ड्यूटी नहीं लगाएंगे, उन्हें बिजली देने के लिए प्राथमिकता में रखा जाएगा.

इसलिए बढ़ेंगी हिमाचल की मुश्किलें: ऐसे में हिमाचल की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. कारण ये है कि हिमाचल ने अपने यहां बह रही नदियों के पानी पर बनी बिजली परियोजनाओं पर सेस लगाने का बिल पारित किया है. अब हिमाचल को पीक आवर्स में या इमरजेंसी में केंद्र से रियायती बिजली मिलने में मुश्किलें आएंगी. इस आशय का पत्र केंद्रीय उर्जा मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी की तरफ से आया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार देश के विभिन्न राज्यों को अन-एलोकेटिड कोटे से उर्जा प्रदान करती है.

हिमाचल कहलाता ऊर्जा राज्य: वैसे तो हिमाचल प्रदेश को देश का ऊर्जा राज्य कहा जाता है, लेकिन सर्दियों में पीक आवर्स में राज्य को एक्सट्रा पावर की आवश्यकता रहती है. वहीं, केंद्र सरकार की मंशा से हिमाचल की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. कारण ये है कि यदि पीक आवर्स में हरियाणा, हिमाचल और पंजाब आदि राज्य केंद्र से बिजली की मांग करेंगे को प्राथमिकता पंजाब-हरियाणा को मिलेगी. इन परिस्थितियों में हिमाचल को पावर सप्लाई केंद्र से नहीं मिलेगी. हिमाचल के लिए चिंता की बात ये भी है कि केंद्रीय उर्जा मंत्री भी वाटर सेस के फैसले से नाखुश हैं.

172 परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का बिल पारित: उधर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल में ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिलकर वाटर सेस को लेकर अपनी सरकार का पक्ष रख चुके हैं. अब दोनों राज्यों के बीच सचिव स्तर की वार्ता होगी. उससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह पंजाब के सीएम भगवंत मान से मुलाकात के दौरान वाटर सेस को लेकर पंजाब की आपत्तियों का जवाब दे चुके हैं. पंजाब व हरियाणा सरकारों ने अपने यहां हिमाचल के वाटर सेस के खिलाफ विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पारित किया है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल ने अपने यहां छोटी-बड़ी 172 बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का बिल विधानसभा में पारित किया है.

सभी आपत्तियों का जवाब दिया जाएगा: इससे सालाना 4 हजार करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने की बात कही गई है. इसके लिए अलग से कमीशन बनेगा. राज्य सरकार ने जल शक्ति विभाग के सचिव को वाटर सेस लागू करने वाले कमीशन का कमिश्नर भी नियुक्त किया है. हिमाचल सरकार हर हाल में वाटर सेस को धरातल पर उतारने के लिए लालायित है. राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि वाटर सेस को लेकर सरकार के आदेश के अनुसार काम आगे बढ़ाया जा रहा है. हरियाणा के साथ सचिव स्तर की वार्ता में सभी आपत्तियों का जवाब दिया जाएगा.

सारी बाधाओं को दूर किया जाएगा: वहीं, जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि वाटर स्टेट सब्जेक्ट है. राज्य सरकार के पास अपने यहां बह रही नदियों के पानी पर बनी परियोजनाओं पर सेस लगाने का हक है. उत्तराखंड व जेएंडके में भी वाटर सेस लागू है. हिमाचल में वाटर सेस लागू करने के रास्ते में आने वाली सारी बाधाओं को दूर किया जाएगा.

: हरियाणा हिमाचल की बैठक में नहीं बनी वाटर सेस पर सहमति, दोनों राज्यों के सचिव करेंगे बैठक

By ETV Bharat हिंदी

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post ICC World Test Championship 2023 Final: Team India का हुआ ऐलान, रहाणे को मिली जगह, इस बड़े नाम की छुट्टी
Next post रतन टाटा को मिला ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ से किए गए सम्मानित
error: Content is protected !!