मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मिशन ‘लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर सभी संगठनों, विभागों और गैर सरकारी संगठनों से पूरे राज्य में जन सहभागिता सुनिश्चित कर प्रमुख आउटरीच एवं विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने का आग्रह किया है। इन गतिविधियों का उद्देश्य व्यवहारवादी परिवर्तन के कारण पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर लोगों को जागरूक बनाना है। इस कार्य में सभी विभागों को समयबद्ध सूचना उपलब्ध करवानी चाहिए।
उन्होंने वन विभाग को राष्ट्रीय उद्यानों के प्रवेश टिकटों के माध्यम से मिशन लाइफ की सह-ब्रांडिंग के साथ वन क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों में और उसके आसपास प्लास्टिक सफाई अभियान आयोजित करने, साइकिल मार्गों को बढ़ावा देने और साइकिल रैलियों का आयोजन करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि वन विभाग स्थानीय समुदाय के साथ मिट्टी और नमी संरक्षण पहल भी आयोजित करेगा। शिक्षा विभाग हिमकोस्टे के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाने के लिए इको-क्लबों के नेटवर्क को भी सक्रिय करेगा।
पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएसटी और सीसी) के निदेशक डी.सी. राणा ने मिशन लाइफ पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विभाग व क्षेत्रवार सांकेतिक कार्य योजना (पीओए) तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि मिशन लाइफ पोर्टल पर ीजजचरूध्ध्उपेेपवदसपमि-उवमबिबण्दपबण्पद जानकारी पहले से ही उपलब्ध कराई गई है। इस संदर्भ में भारत सरकार द्वारा प्रकाशित दस्तावेज मिशन लाइफ पोर्टल पर उपलब्ध हैं जिन्हें ीजजचरूध्ध्उपदसपमि.उवमबिब.दपब.पदध्ंेेमजेध्चकध्च्तिंलंे.ैम.च्तंइींअ.ज्ंा.चक िसे भी डाउनलोड किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि मिशन लाईफ लोगो के अंतर्गत सभी गतिविधियां मिशन लाइफ दिशानिर्देशों के अनुसार विभाग अधिक क्षेत्र विशिष्ट गतिविधियों को जोड़ सकते हैं। नोडल अधिकारी द्वारा ीजजचेरूध्ध्उमतपसपमि.वतहध्। पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने यह भी बताया कि यह सांकेतिक व प्रस्तावित योजना है।
पर्यावरण विभाग, एसएंडटी, एसपीसीबी, शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, कार्मिक विभाग, पीआरआई, युवा और खेल, जल शक्ति, महिला एवं बाल विकास विभाग, ऊर्जा, कृषि-बागवानी, परिवहन, पर्यटन, जनसंपर्क, भाषा, कला और संस्कृति को मिशन जीवन के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि विभाग ईको-गांवों को एलआईएफई गांवों में बदलने के लिए मॉडल ईको-विलेज अभियान चलाएगा। उन्होंने राज्य पर्यावरण प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड को उद्योगों सेे पर्यावरण प्रदूषण में सुधार लाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिए ।
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