प्रोफेशनल कोर्स को एक फीसदी ब्याज दर पर लोन देगी हिमाचल सरकार, कैबिनेट में आएगी योजना ।हिमाचल सरकार गरीब घरों के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए एक फीसदी ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाएगी।
200 करोड़ की इस योजना को मुख्यमंत्री के नाम पर शुरू किया जा रहा है। बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना पर फैसला हो सकता है। इस योजना के तहत 200 करोड़ का एक फंड तैयार किया जा रहा है, जो राज्य सरकार के अपने बजट से होगा। इस फंड के माध्यम से गरीब बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए, पीएचडी, आईटीआई और पॉलीटेक्निक के कोर्स के साथ बी फार्मेसी और नर्सिंग इत्यादि प्रोफेशनल कोर्सों के मामले में वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार सिर्फ एक फीसदी ब्याज लगाएगी। योजना का उद्देश्य यह है कि पैसों की कमी से कोई भी मेधावी गरीब बच्चा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। इस पैसे को लौटाने के लिए भी गरीब परिवारों को राहत वाली स्कीम दी जाएगी। इसका फैसला कैबिनेट में ही होगा।
शिक्षा विभाग ने इस योजना का ड्राफ्ट वित्त विभाग की मंजूरी के लिए भेजा था। वित्त विभाग ने इसमें कुछ आपत्तियां लगाई हैं, लेकिन ये आपत्तियां बुधबार तक दूर हो सकती हैं। मंगलवार को शिमला के सिपुर मेले में बतौर मुख्य अतिथि गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि गरीब परिवारों से संबंधित बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने के लिए शीघ्र ही एक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट में 17 मार्च, 2023 को की थी। इसके अलावा बुधवार को होने वाली कैबिनेट में उद्योग विभाग की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को लेकर भी फैसला हो सकता है, इस योजना के ड्राफ्ट को उद्योग विभाग ने पिछली कैबिनेट के लिए ही भेज दिया था, लेकिन वित्त विभाग से कुछ आपत्तियां लग गई थीं। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को पूर्व जयराम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जगह शुरू किया जा रहा है। हालांकि इस योजना को और विस्तार दिया जा रहा है और कुछ नई औद्योगिक गतिविधियां भी इसमें शुरू की जा रही हैं। (एचडीएम)
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड नहीं दे पाई थी पूर्व सरकार
पूर्व जयराम सरकार के समय भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने का वादा किया था, लेकिन सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर पाई थी। उस वक्त बैंकों ने माइनर्स के नाम पर क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर दिया था। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में भी यह प्रस्ताव क्लीयर नहीं हो पाया था। इसके बाद वर्तमान सुक्खू सरकार एजुकेशन लोन के लिए 200 करोड़ की स्कीम पहली बार लाई है।
By Divya Himachal
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