भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश के 6 एम्स में अब सभी सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध है

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भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश स्थित 6 एम्स में अब सभी सीजीएचएस लाभार्थियों (सेवारत और पेंशनभोगी) को कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय आज लिया गया, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण की उपस्थिति में इन छह एम्स और सीजीएचएस, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश में 6 पूरी तरह कार्यात्मक एम्स में उपलब्ध रोगी देखभाल सुविधाओं को कैशलेस आधार पर सीजीएचएस लाभार्थियों तक बढ़ाया जाएगा। यह विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों (सीजीएचएस के सेवानिवृत्त पेंशनभोगी लाभार्थी) के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें व्यक्तिगत प्रतिपूर्ति दावों को प्रस्तुत करने और अनुमोदनों का पालन करने में कठिनाई होती है। सीजीएचएस लाभार्थियों को पहले भुगतान करने और फिर सीजीएचएस से प्रतिपूर्ति मांगने की परेशानी के बिना इन एम्स में उपलब्ध अत्याधुनिक उपचार सुविधाओं तक पहुंचने का लाभ मिलेगा। इस पहल से समय की बचत होगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और व्यक्तिगत दावों के निपटान में भी देरी होगी। अभी तक एम्स में उपचार करा रहे सीजीएचएस पेंशनभोगी लाभार्थियों को पहले भुगतान करना होता है और बाद में सीजीएचएस से प्रतिपूर्ति का दावा करना होता है।

इस पहल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

सीजीएचएस पेंशनभोगी और सीजीएचएस लाभार्थियों की अन्य हकदार श्रेणियां इन 6 एम्स में ओपीडी, जांच और आंतरिक उपचार में कैशलेस उपचार के लिए पात्र होंगी।
ये 6 एम्स सीजीएचएस पेंशनरों और पात्र लाभार्थियों की अन्य श्रेणियों के क्रेडिट बिल सीजीएचएस को जारी करेंगे और सीजीएचएस बिलों की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर अधिमानतः भुगतान करेंगे।
सीजीएचएस लाभार्थी का प्रवेश एम्स में उपचार के लिए वैध सीजीएचएस लाभार्थी पहचान पत्र प्रस्तुत करने पर ही दिया जाएगा।
सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए एम्स एक अलग हेल्प डेस्क और एक अलग लेखा प्रणाली बनाएगा।
ओपीडी उपचार के लिए या एम्स से छुट्टी के समय एम्स में डॉक्टरों द्वारा निर्धारित दवाएं सीजीएचएस के माध्यम से लाभार्थियों द्वारा एकत्र की जाएंगी।

स्वास्थ्य सचिव ने इस विकास की सराहना करते हुए कहा, “सीजीएचएस स्वास्थ्य मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण सेवा-उन्मुख वर्टिकल है जिसके माध्यम से मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारी चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि “सरकार सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जो रोगियों की बढ़ती आवश्यकताओं के अनुरूप उत्कृष्ट तृतीयक देखभाल सुविधाएं प्रदान करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा “निकट भविष्य में नई दिल्ली में स्थापित एम्स संस्थान, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी को इस समझौते में शामिल किया जाएगा।”

श्री राजेश भूषण ने विस्तार से बताया कि “इस समझौते से एक बड़ा वर्ग लाभान्वित होगा, क्योंकि यह लंबी औपचारिकताओं को आसान बनाने और चिकित्सा देखभाल तक पहुंच में तेजी लाने का प्रयास करता है।” उन्होंने कहा कि इससे देश भर में सीजीएचएस सेवाओं की पहुंच भी बढ़ेगी, क्योंकि यह समझौता लाभार्थियों को उनके संबंधित राज्यों में एम्स संस्थानों से सीजीएचएस लाभार्थियों का लाभ उठाने की अनुमति देता है। उन्होंने आगे कहा कि सीजीएचएस ने उपचार और चिकित्सा देखभाल की कुछ दरों को ऊपर की ओर संशोधित किया है, जिससे रोगियों के लिए उपचार सुविधाओं की पहुंच में सहायता मिली है।

सीजीएचएस के तहत लाभार्थियों को इनडोर उपचार के लिए सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में भेजा जाता है। सीजीएचएस पेंशनभोगी और सीजीएचएस लाभार्थियों की अन्य हकदार श्रेणियां सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस सुविधाओं के लिए पात्र हैं। सीजीएचएस केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों, माननीय संसद सदस्यों, पूर्व सांसदों और लाभार्थियों की अन्य श्रेणियों को व्यापक स्वास्थ्य सेवा (ओपीडी और आईपीडी दोनों) प्रदान करता है। वर्तमान में सीजीएचएस देश के 79 शहरों में कार्य कर रहा है।

प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत देश भर में 22 नए एम्स स्थापित किए गए हैं और वे परिचालन के विभिन्न चरणों में हैं। गुणवत्ता चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, ये प्रमुख संस्थान कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियो वैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी, ऑन्कोलॉजी आदि सहित विभिन्न विशिष्टताओं और सुपर स्पेशियलिटी में विशेष रोगी देखभाल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। ये संस्थान ट्रॉमा भी प्रदान करते हैं। और आपातकालीन देखभाल सेवाएं, अत्याधुनिक निदान सेवाएं, जिनमें ब्लड बैंक सुविधाएं शामिल हैं।

इस सत्र में अपर सचिव श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, संयुक्त सचिव श्रीमती अंकिता मिश्रा, संयुक्त सचिव डॉ. मनशवी कुमार, निदेशक, सीजीएचएस, डॉ. जैन सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। एम्स भुवनेश्वर, एम्स पटना, एम्स रायपुर, एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक और एम्स भोपाल और एम्स ऋषिकेश के प्रतिनिधि एमओए हस्ताक्षर कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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