व्यवस्था परिवर्तन के चक्कर में कहीं स्वास्थ्य विगड़ ना जाये

Read Time:11 Minute, 50 Second

सुखु सरकार जब से सत्ता में आई है व्यवस्था परिवर्तन का नारा लगाये जा रही है और बार बार सरकार की झोली ख़ाली होने की बात करती रहती है। आये दिन फ़रमान निकलते रहते हैं और लोग एवं कर्मचारी अभी देख रहे हैं कि क्या किया जाये और क्या नहीं।

पिछले कल सरकार ने एक नया निर्देश निकाल दिये हैं जिस में स्वास्थ्य बिभाग , स्वास्थ्य सिक्षा बिभाग, आयुष बिभाग , दंत चिकत्सक बिभाग एवं पशु विभाग में आगे से जो भी डॉ रखे जाएँगे उनको नौकरी के इलावा दिये जाने वाले भत्ते पे रोक लगा दी है।

अब मुद्दा यह है कि सरकार ने यह निर्णय आम जनता की ज़रूरतों को ध्यान में रख के लिया होगा कि अपनी ख़ुद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए या फिर से जैसे थोड़े दिन पहले अध्यापकों को अस्थाई तौर पे रखने की बात कह के हर्षवर्धन जी को मुकरना पड़ा और सीएम जी को मोर्चा सम्भालना पड़ा क्या इस बार भी सीएम को इस बात का पता है की इसे से क्या परिणाम निकल सकते हैं? खेर यह तो सरकार को ही पता होगा कि यह निर्णय किन कारण से लिया है पर इन पाँच विभागों के डॉक्टर्स ने सरकार के इस फ़ैसले के विरुद्ध अपना कड़ा रुख़ अपनाने का मन मना लिया है और जल्द ही सेवाएँ प्रभावित होने की संभावना जायदा हो गई है।

इसी संदर्भ में हिमाचल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक आपात बैठक बुलाई जिस में डॉ राजेश राणा कीअध्यक्षता में आयोजित 24 मई सायंकाल आयोजित की गई।

इस वार्ता मेंसंघ के सह सलाहकार डॉक्टर संत लाल शर्मा, जीवानंद चौहान, वरिष्ठउपाध्यक्ष डॉ अनुपम बधन, डॉक्टर सौरभ शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ अनंत विजयराघव, डॉक्टर करनजीत सिंह, डॉक्टर अंजली चौहान, डॉ मोनिका पठानिया, महासचिव डॉ विकास ठाकुर, संयुक्त सचिव डॉ जितेंद्र सिंह रुड़की, डॉक्टरसुनीश चौहान, डॉक्टर मोहित डोगरा, डॉक्टर यासमीन, कोषाध्यक्ष डॉक्टरप्रवीण चौहान, प्रेस सचिव डॉक्टर विजय राय, शिमला इकाई के अध्यक्षडॉक्टर दीपक कैंथला सचिव डॉक्टर योगराज, कांगड़ा इकाई के अध्यक्षडॉक्टर सुन्नी धीमान, सचिव डॉक्टर उदय सिंह, इकाई से डॉ राहुल कतना, सोलन इकाई से सचिव डॉ उदित, सिम सिरमौर इकाई के अध्यक्ष डॉ पीयूषतिवारी, चंबा इकाई के सचिव डॉ कारण हितैषी, कुल्लू इकाई के अध्यक्षडॉक्टर कल्याण ठाकुर, मंडी इकाई से डॉ अमित ठाकुर, हमीरपुर इकाई सेडॉ सुरेंद्र, बिलासपुर इकाई से सचिव डॉ प्रदीप, डॉक्टर पारस सहगल, डॉक्टर मोहम्मद आसिफ,डॉ दुष्यंत, डॉ विवेक शारदा, डॉक्टर अंकुश, डॉक्टरबोध, डॉ मोहन आदि राज्य कार्यकारिणी समिति सदस्य मौजूद रहे।

इनका तरक यह है कि इस का खामियाज़ा आम जनता को भोगना पड़ेगा क्योंकि यदि चिकित्सा भत्ता नहीं दिया जाता है तो अधिकतर डॉक्टर अपनी सरकारी नौकरी के साथ निजी प्रैक्टिस भी करेंगे और जहां इस तरह की प्रैक्टिस अपनाई जाती है वहाँ जनता का अपनी जेब से खर्चा बडने की पूरी संभावना है क्योंकि अभी 10 की ओपीडी हो या 500 की डॉ देखेगा और सभी सरकारी सहूलत देने की कोशिश करता है पर जब वह अपना ध्यान अपनी निजी प्रैक्टिस पे देगा तो आप सोच लीजिए आप के चकर ख़त्म नहीं होंगे और जेब में पैसे नहीं बचेंगे। संघ का कहना है कि हिमाचल के चिकित्सकों ने कड़ी मेहनत से राज्य कोदेशभर में सर्वोत्तम स्थान पर पहुंचाया है क्योंकि हिमाचल में चिकित्सकों कोएनपीए दिया जाता है वहीं जिन राज्यों में एनपीए नहीं दिया जाता है उनकेहेल्थ इंडिकेटर बहुत ही निम्न स्तर पर हैं।

संघ ने मांग उठाई है कि डाक्टरों को मिलने वाला नॉन प्रैक्टिस अलाउंस बंद नहीं होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टरों की ड्यूटी बाकी विभागों में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों से काफी अलग है। हर परिस्थिति में डॉक्टरों को सेवाएं देनी पड़ती है। डॉक्टरों को दिन-रात सेवाएं देने के बावजूद भी अगर सरकार का यह रवैया रहता है, तो यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है । डॉक्टरों का काम जनसेवा से जुड़ा हुआ है आपदा के समय भी डॉक्टर जान जोखिम में डालकर सेवाएं देते हैं चाहे कोविड-19 में हो चाहे कोई भी अन्य परिस्थिति हो उस दौरान भी डाक्टरों ने दिन-रात एक करके काम किया है । स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में हिमाचल अग्रणी राज्यों में शुमार है। इस तरह के निर्णय से प्रदेश की जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए संघ का सरकार से यह आग्रह है कि इस तरह का कोई भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टरों को विश्वास में लिया जाए।

चिकित्सक नियुक्त होने के बाद 25 से 30 साल से माय देने के बादही खंड चिकित्सा अधिकारी बनता है ऐसे में चिकित्सकों को एश्योर्ड करियरप्रोग्रेशन स्कीम के तहत 4-9-14 इंक्रीमेंट का लाभ दिया जाता था उसे भीछीन लेना न्याय संगत नहीं है क्योंकि खंड चिकित्सा अधिकारियों के पद 100 से भी कम है और वहीं दूसरी ओर अफसरशाही उन्हें भरने के लिए जागरूकनहीं है आज भी खंड शिक्षा अधिकारी के 20 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैंऐसे में चिकित्सकों को 4-9-14 का टाइम स्केल दिया जाना न्याय संगत है यह टाइम स्केल बिहार जैसे राज्यों में भी दिया जा रहा है पर हिमाचल में इसेरोक देना चिकित्सकों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

संघ का माननीय मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध है कि स्वास्थ्य विभागके पदों को एमबीबीएस की योग्यता प्राप्त चिकित्सकों से भरा जाए। प्रदेश मेंचिकित्सकों की कमी नही है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में अन्य विभागों से कीगई नियुक्तियां को शीघ्र रद किया जाए और इन पदों पर चिकित्सकों कोबिठाना ही स्वास्थ्य विभाग के लिए बेहतर होगा।किसी भी विभाग में दूसरेविभाग से नियुक्तियां करना उचित नहीं है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में अन्यविभागों से से नियुक्तियों को हटाने पर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो जाएगा। क्योंकि एक चिकित्सक को ही उनकी कार्यप्रणाली का संपूर्ण ज्ञानहोता है। अन्य विभागों से नियुक्तियों के कारण प्रदेश के नए खोले गएमेडिकल कॉलेजों की मान्यता खतरे में है। प्रदेश का कोई भी स्वास्थ्यसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड्स की गाइडलाइंस केअनुरूप संचालित नहीं किया जा रहा है। जो सब जनता की नजरों में मात्रधूल झोंकने के बराबर है। यही हाल सब डिस्टिक या डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल काभी है।पिछली सरकार से लेकर अब तक स्वास्थ्य निदेशक की स्थाईनियुक्ति डीपीसी के माध्यम से अब तक नहीं कर पाना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की धीमी गति को दर्शाता है वहीं दूसरी ओर ज्वाइनडायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर और खंड चिकित्सा अधिकारियों के पदों को नहीभर पाना भी स्वास्थ्य विभाग की नाकामयाबी का पुख्ता निशान है।

       अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों को पिछली सरकारमें 150% ग्रेड पे का अनुदान दिया गया । लेकिन स्वास्थ्य विभाग में एक हीसाथ नियुक्त चिकित्सकों को यह अनुदान अलग-अलग रूप में दिया गया।इस संदर्भ में हमने स्वास्थ्य सचिव विभाग प्रेस हर जगह प्रतिनिधित्व किया।कोई भी व्यक्ति अगर वह अनपढ़ भी हो तो भी इस त्रुटि को समझ जाएगालेकिन स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी और अफसरशाही इसका निवारणकरने में असफल रहे हैं।

संघ का प्रतिनिधिमंडल इन्हीं सब मांगों को लेकर हाल ही में माननीयमुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय से भी मिला है लेकिनअफसरशाही इन मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।माननीय मुख्यमंत्री महोदय कर्मचारी हितेषी हैं और हम आशा करते हैं किहमारी मांगों पर जरूर सही निर्णय लेंगे। इन सब मांगों को लेकर संघ प्रदेशके अन्य मेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन से शीघ्र वार्ता करेगा और आगेकी रणनीति निर्धारित की जाएगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post जिला रोजगार कार्यालय चंबा में 27 मई को होगा लघु रोजगार मेले का आयोजन- अरविंद चौहान
Next post मुख्य सचिव ने शोंगटोंग-करच्छम जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए
error: Content is protected !!