हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के निदेशक मंडल की आज शिमला में आयोजित 239वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिमला और मंडी जिलों के लिए खादी प्लाजा के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपने और विशेषज्ञ एजेंसी से परामर्श लेने के निर्देश दिए ताकि ये प्लाजा आय सृजन का स्रोत बन सकें और इनके माध्यम से ग्रामीण कारीगरों और उद्यमियों को विपणन सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
उन्होंने कहा कि खादी बोर्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ पालकों को ऊन पिंजाई तथा जनजातीय क्षेत्र के बागवानों को खुमानी के बीजों से बनने वाले चुल्ली के तेल की पीड़ाई की सुविधा खादी केन्द्रों के माध्यम से घर-द्वार पर ही प्रदान की जा रही है ताकि इस क्षेत्र से जुड़े कारीगर/बुनकर व बागवान लाभान्वित हो सकें।
उद्योग मंत्री ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने पर खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की सराहना की। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा प्रदेश में 383 इकाइयों को 14.34 करोड़ रुपये का उपदान दिया गया, जो निधारित लक्ष्य का लगभग 118 प्रतिशत है। इन इकाइयों की परियोजना लागत 57.36 करोड़ रुपये है, जो 48.72 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में लगभग 118 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, इन इकाइयों में रोजगार के 3,064 अवसर भी सृजित हुए हैं।
उद्योग मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को भी समय पर हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए लक्षित 475 इकाइयों में से मई माह तक स्थापित 16 इकाइयों पर 73.96 लाख रुपये का उपदान दिया जा चुका है, जिनसे रोजगार के 128 अवसर सृजित हुए हैं।
बैठक में विशेष सचिव उद्योग, किरण भड़ाना, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अजित कुमार भारद्वाज, अतिरिक्त सचिव वित्त, विनय कुमार, उप-निदेशक उद्योग विभाग, अनिल ठाकुर, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के राज्य नोडल अधिकारी, संजीव जस्टा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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