हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष, आर.एस. बाली ने आज यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि वे यात्रा करते समय अपने मोबाइल की जीपीएस लोकेशन हमेशा ऑन रखें तथा मौसम की पूर्व जानकारी के अनुसार ही यात्रा आरम्भ करें। यह भी सलाह दी गई है कि वे केवल निर्देशित मार्गों पर ही यात्रा करें तथा इधर-उधर जाने से बचें। उन्होंने कहा कि भारी धुंध के कारण कई बार दृश्यता कम हो जाती है और ऐसे में यात्रा के दौरान गाड़ी धीमी गति से चलाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को लापरवाही व तीव्र गति से गाड़ी चलाने से बचना चाहिए तथा पहाड़ी क्षेत्रों की स्थितियों के अनुसार उन्हें धीमी गति से वाहन चलाते हुए अपनी यात्रा का आनंद लेना चाहिए।
श्री बाली ने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से मनाली-कीरतपुर फोरलेन सड़क पर मंडी से पंडोह के बीच भूस्खलन के कारण यातायात अवरूद्ध होने की कुछ अपुष्ट सूचनाएं वायरल की जा रही हैं। हालांकि, विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में बारिश के मौसम के दौरान सड़कों के निर्माण और चौड़ा करने के कारण ऐसी प्राकृतिक घटनाएं सामान्य हैं।
उन्होंने कहा कि नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और कुल्लू पहुंचने के लिए यातायात को चैलचौक-गोहर मार्ग पर भी मोड़ा गया है जिस कारण यातायात की गति थोड़ी धीमी है। इसके अलावा कुल्लू की ओर से आने वाले वाहनों के लिए कमांद (कांडी-कटोला) मार्ग भी खुला है और इसे वन वे किया गया है। ऐसे में पर्यटक वाहन लंबे समय तक फंसे नहीं रहेंगे जैसी कि सूचनाएं वायरल की जा रही हैं। उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि वह झूठी व अपुष्ट सूचना फैलाने वालों पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति बिल्कुल सामान्य है और शैक्षणिक संस्थान, कार्यालय तथा बाजार इत्यादि खुले हैं और लोग सामान्य तौर पर अपने दैनिक कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंडी जिला से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, हल्के वाहनों को आवाजाही की अनुमति दी जा रही है और पर्याप्त संख्या में कर्मचारी और मशीनरी सड़क को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं जिससे जल्द ही सड़क को भारी और अन्य वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
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