चंबा, 26 जून
कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने कहा है कि ज़िला में परंपरागत एवं प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
साथ में उन्होंने कहा कि चूंकि वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है I ऐसे में कोदरा ,कंगणी, रागी, कुटकी, हरी कंगणी,स्वांक,चीणा,ज्वार और बाजरा सहित 9 प्राचीन तथा पौष्टिक अनाज को फिर से खाने के उपयोग में लाने पर जागरूकता की पहल की गई है।
वे आज कृषि तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बचत भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे ।
बैठक में पूर्व मंत्री आशा कुमारी, उपायुक्त अपूर्व देवगन विशेष रूप से मौजूद रहे ।
मोटे अनाज में औषधीय और पोषक गुणों की भरपूर मात्रा के दृष्टिगत किसानों में जागरूकता को और अधिक बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने कृषि विभाग के अधिकारियों से ज़िला में सभी किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए ।
कृषि विभाग की महत्वकांक्षी हिमउन्नति योजना के तहत कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने जल्द विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा करने को कहा।
कृषि मंत्री ने कहा कि हिमउन्नति योजना के अंतर्गत समूह (कलस्टर) आधारित गतिविधियों में कृषि, भू एवं जल संरक्षण, उद्यान, पशु पालन से सम्बंधित गतिविधियों को शामिल किया गया है। इनमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक क्लस्टर ऐसा होगा जिसमे केवल प्राकृतिक खेती को ही बढ़ावा दिया जायेगा ।
कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के निर्देश भी जारी किए । उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कृषि एवं पशुपालन की नव तकनीकों, फसल विविधीकरण की जानकारी को लेकर संयुक्त तौर पर जागरूकता शिविर आयोजित करने को भी निर्देशित किया ।
उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती में भी काम करते हुए उन फसलों का चयन किया जाए जिससे खेती सुगमता से की जा सके ।
प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने इस दौरान पशुपालन विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा भी की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए ।
बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों ने जिला में विभिन्न रिक्त पदों को भरने की मांग भी मंत्री के समक्ष रखी ।
बैठक में उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि ज़िला के जैविक उत्पादों को बिक्री के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर हिमईरा दुकानों के अतिरिक्त ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म भी उपलब्ध करवाया गया है। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि उपमंडल सलूणी की प्रसिद्ध कृषि उपज मक्की को जीआई टैग के लिए प्र
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