धर्मशाला, 28 जून। पूर्व शिक्षा मंत्री पंडित शिव कुमार उपमन्यु के चतुर्थ वार्षिक श्राद्ध पर बुधवार को शाहपुर में उनके आवास पर आदरांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। इस दौरान हर आम और खास व्यक्ति ने प्रदेश के विकास में उनके अविस्मरणीय योगदान को स्मरण किया और अपनी भावांजलि अर्पित की। प्रदेश में पर्यटन विकास का जिम्मा देख रहे पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आर.एस. बाली, पूर्व मंत्री विप्लव ठाकुर समेत राजनीति, प्रशासन, कला, साहित्य जगत के अनेक बड़े नाम श्री उपमन्यु को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में शामिल रहे। इस मौके पंडित शिव कुमार उपमन्यु के पुत्र राजीव उपमन्यु, रंजन उपमन्यु तथा अन्य परिवारजनों ने उपस्थित सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
बता दें, 23 मई 1927 को जन्मे पंडित शिव कुमार का 11 जुलाई, 2019 को 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ था।
प्रेरणादायक व्यक्तित्व
अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आर.एस. बाली ने कहा कि पंडित शिव कुमार उपमन्यु का व्यक्तित्व और उनके कार्य राजनीति, शिक्षा और सामाजिक सेवा जगत के लिए प्रेरणादायक हैं। उनके जीवन से हर व्यक्ति को साहस के साथ आगे बढ़ने और सफलता में भी सदैव जमीन से जुड़े रहने की प्रेरणा मिलती है। अपने जमाने के दिग्गज राजनीतिज्ञ तथा प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे पंडित शिव कुमार उपमन्यु प्रदेश की राजनीति का बड़ा नाम थे। यह उनकी विलक्षण नेतृत्व क्षमता और कार्यकुशलता की ही बानगी है कि एक समय शिक्षा, उद्योग, श्रम एवं रोजगार व लोक निर्माण विभाग समेत 18 विभागों की जिम्मेदारी उनके पास थी। प्रदेश के दो मुख्यमंत्रियों के साथ सरकार में काम करने का गौरव रखने वाले शिव कुमार उपमन्यु ने परिवार से मिली राजनीतिक विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया। पंडित शिव कुमार तत्कालीन मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर व वीरभद्र सिंह सरकार के समय में मंत्री रहे।
वे वर्ष 1977 से 1990 तक कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले भटियात का प्रतिनिधित्व करते रहे। उनके पिता पंडित जयवंत राम भी प्रदेश के नामी राजनेता थे, जो प्रदेश विधानसभा के पहले अध्यक्ष रहे।
डीपीआरओ भी रहे थे पंडित शिव कुमार उपमन्यु
एक विजनरी राजनेता के तौर पर याद किए जाने वाले पंडित शिव कुमार उपमन्यु की पहचान एक कार्यकुशल सरकारी अधिकारी और कमाल के लेखक के तौर पर भी थी। पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत वे प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में एपीआरओ तथा डीपीआरओ (जिला लोक संपर्क अधिकारी) के पद पर भी रहे। प्रवृति से साहित्यकार श्री उपमन्यु का लेखन के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान रहा।
Read Time:4 Minute, 7 Second
Average Rating