हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी की बैठक डॉ राजेश राणाअध्यक्ष हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की अध्यक्षता में आयोजितकी गई। इस बैठक में संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अनुपम बधन, उपाध्यक् षडॉक्टर करनजीत सिंह,उपाध्यक्ष डॉ अंजलि चौहान, महासचिव डॉक्टर विकास ठाकुर संयुक्त सचिव डॉक्टर मोहित डोगरा, शिमला इकाई से डॉक्टर दीपक कैंथला, डॉक्टर योगराज, मंडी इकाई से डॉ अमित ठाकुर, डॉक्टर वीर विक्रम सिंह, ऊना इकाई से डॉक्टर राहुल कतना, बिलासपुर सेडॉ प्रदीप, चंबा से डॉक्टर करण हितेषी, हमीरपुर से डॉ सुरेंद्र, कांगड़ा से डॉसनी धीमान और किन्नौर से डॉक्टर दिग्विजय आदि सदस्य मौजूद रहे।
संघ ने सर्वसम्मति से विभाग में प्रमोशनल पोस्ट पर सेवानिवृत्ति के बादरीएंप्लॉयमेंट किए जाने की प्रक्रिया का विरोध किया। ऐसा किया जाना न्याय संगत नहीं है ।
उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग की नाकामयाबी को छिपाने का प्रयास भी है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग कई वर्षों से रेगुलर डीपीसी करने मेंअसमर्थ है। साथ ही विभाग अब तक चिकित्सकों की सीनियरिटी लिस्ट भीकई वर्षों से नहीं बना पाया है। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागके निदेशक के पद को भी अब तक स्थाई रूप से भरने में विभाग नाकामयाब रहा है।
प्रदेश के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को रेगुलरकर दिया गया है वहीं दूसरी तरफ़ अनुबंध पर नियुक्त चिकित्साअधिकारियों को अब तक रेगुलर नहीं किया गया है। एक स्थाई स्वास्थ्यनिर्देशक नियुक्त ना होने के कारण विभाग की कार्यप्रणाली बहुत धीमी होगई है। 2 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अनुबंध पर नियुक्तचिकित्सक रेगुलर नहीं किए जा रहे वहीं दूसरी ओर सेवा विस्तार की प्रक्रियाअति शीघ्र कर दी जा रही है।
पूरे प्रदेश भर में पहले भी अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को ग्रेड पेका 150% देय प्राप्त हुआ वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग में एक साथनियुक्त स्वास्थ्य अधिकारियों को अलग-अलग मानदेय प्रदान किया गयाऔर कुछ चिकित्सकों को इससे आज तक वंचित रखा गया है। इस संदर्भ मेंपहले भी संघ विभाग से पत्राचार कर चुका है लेकिन इस त्रुटि का निवारणनिकालने का कोई सफल प्रयास निदेशालय एवं सचिवालय से नहीं कियाजा रहा है।
चिकित्सक दिन रात अपनी सेवाएं जनहित में समर्पित कर रहे हैं और ऐसेमें उन्हें किसी न किसी तरह प्रताड़ित करना कोई न्याय संगत बात नहीं है।प्रदेश भर में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के लिए भी विभाग मेंरेगुलर डीपीसी ना होने के कारण पदों का रिक्त नहीं हो पाना और प्रमोशनलपोस्ट पर रीएंप्लॉयमेंट दिया जाना एक निराशाजनक विषय है। ऐसा करने सेनए चिकित्सकों से रोजगार का मौका भी छीना जा रहा है। पहले हीचिकित्सकों की पदोन्नति के के पद बहुत ही कम है एक चिकित्सक को खंडचिकित्सा अधिकारी अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनने में 25 से 30 वर्षका इंतजार करना पड़ता है इस संदर्भ में चिकित्सकों को दी जाने वाली 4-9-14 एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम को शीघ्र बहाल किया जाए। वहीं दूसरीओर यदि किसी और को सेवा निवृत्ति के बाद प्रमोशनल पोस्ट पररीएंप्लॉयमेंट किया जाता है तो जो वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहेचिकित्सकों को उस पदोन्नति से वंचित रखना न्याय संगत नहीं है।
आज से 1 माह पहले भी संघ ने माननीय मुख्यमंत्री के आश्वासन परअपनी पेन डाउन स्ट्राइक 3 जून को वापस ली थी। उस समय माननीयमुख्यमंत्री महोदय ने संघ को आश्वासन दिया था उनकी मांगों को शीघ्र पूराकिया जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री के महोदय के वचनों का सम्मान भी विभागमें नहीं किया जा रहा और अभी तक चिकित्सकों की मांगें विलंबित हैं। इनमांगों के संदर्भ में धरातल में अब तक कोई ठोस कार्यवाही सामने नहीं आईहै। संघ इन सब मांगों को लेकर पुनः माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मिलेगाऔर स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के प्रति हो रहे अन्याय को उनके समक्षरखेगा।
यह जानकारी डॉ विकास ठाकुर महासचिव हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने दी।
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