जिला ऊना में हुआ डीएईएसआई प्रोग्राम के छठे बैच का शुभारंभ

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ऊना, 11 जुलाई – आतमा परियोजना के तहत ऊना में डीएईएसआई प्रोग्राम के छठे बैच का शुभारंभ ऊना के पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने किया। इस दौरान निदेशक राज्य कृषि प्रंबधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान समिति शिमला से डाॅ नवनीत सूद, विषय वाद विशेषज्ञ पुनीत डोगरा, परियोजना निदेशक ऊना वीरेंदर कुमार बग्गा, उप परियोजना निदेशक संतोष शर्मा, राजेश राणा, सहायत तकनीकी सोनिया शर्मा, जेएल शर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे।  

इस अवसर पर सतापाल सिंह रायजादा ने कहा कि आतमा योजना किसानों की बेहतरी के लिए बनाई गई है। जो किसान आधुनिक खेती से परिचित नहीं उन्हें डीएईएसआई कार्यक्रम के माध्यम से आधुनिक खेती से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है वे खेती कैसे करें ताकि किसान आधुनिक तकनीक से खेतीबाड़ी करके लाभान्वित हो सके। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से करने से किसानों की आर्थिकी में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी व गुणवत्ता युक्त फसल की पैदावार के लिए आधुनिक तकनीक से जुड़ना आवश्यक है जिसके लिए आतमा योजना काफी मददगार सिद्ध हो रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए आतमा परियोजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिससे किसानों का वैज्ञानिक तरीके से खेतीबाड़ी करने के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे समय-समय पर अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण करवाएं ताकि गुणवत्तायुक्त फसलों का उत्पादन हो सके।

इस मौके पर निदेशक राज्य कृषि प्रंबधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान समिति शिमला नवनीत सूद ने बताया कि डीईएसआई कार्यक्रम के तहत इनपुट डीलरों को कृषि, बागवानी व पशुपालन के बारे तथा इनमें प्रयोग होने वाली उच्च तकनीकों से भी अवगत करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से इनपुट डीलर प्रशिक्षण प्राप्त कर किसानों व बागवानों को कृषि में प्रयोग होने वाली तकनीको का बेहतर मार्गदर्शन कर सकेंगे जिससे किसानों की फसल की पैदावार में बढ़ौतरी व गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

परियोजना निदेशक वीरेंदर कुमार बग्गा ने जानकारी देते हुए बताया कि डीएईएसआई कार्यक्रम 48 सप्ताह की अवधि में पूर्ण होगा जिसमें 40 कक्षाएं तथा 8 विभिन्न संस्थानों तथा किसानों के खेतों के भ्रमण हेतू फील्ड विजिट किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फील्ड विजिट आयोजित करने का उद्देश्य इनपुट डीलरों को विशिष्ट क्षेत्र की समस्याओं से परिचित करवाना और उन्हें प्रासंगिक तकनीकों से अवगत करवाना। उन्होंने बताया कि डीएईएसआई प्रोग्राम में पंजीकरण करवाने के लिए इनपुट डीलर को 20 हज़ार रूपये फीस जमा करवाना पड़ती है। उन्होंने बताया कि सरकार की आरे से 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त लाईसेंस धारकों को 10 हज़ार और बिना लाईसेंस धारक को 20 हज़ार फीस जमा करवानी पड़ती है।

डीएईएसआई(देसी) कार्यक्रम के दौरान जिला के लगभग 40 इनपुट डीलरों ने भाग लिया।

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