जान की बाजी लगाकर बचाई 1731 लोगों की जान

Read Time:9 Minute, 25 Second

धर्मशाला, 16 अगस्त। जिला कांगड़ा के इंदोरा और फतेहपुर उपमंडल में पोंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गावों से अभी तक 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी है।
उन्होंने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है और वे इसे स्वयं मौके पर रहकर मॉनिटर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आज यहां पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रशासन को बेहतर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।
दो एमआई-17 हेलिकॉपटर के साथ सेना के 60 और एनडीआरएफ के 182 जवानों ने किया रेस्क्यू
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि पोंग बांध से अत्याधिक जल छोड़े जाने के कारण साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में कईं लोगों के फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से भारतीय सेना और वायुसेना से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि सेना ने त्वरित प्रभाव से अपने दो फ्लड रिलीफ कॉलम को मौके पर भेजा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में सेना के कुल 60 जवान शामिल रहे।
वहीं लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायु सेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन रात तैनात हैं, जिसमें 182 जवानों शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ की टीमें और पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में लगे रहे।
इंदोरा से किए 1344 लोग रेस्क्यू
उपायुक्त ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक इंदोरा उपमंडल से सर्वाधिक 1344 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि उपमंडल इंदोरा में पोंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गांवों से बड़ी संख्या में लोगों को रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि यहां 564 लोगों को भारतीय वायुसेना के चॉपर से एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के माध्यम से 780 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
फतेहपुर से 387 लोग निकाले
डीसी ने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में अभी तक कुल 387 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से 175 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया, वहीं 212 लोगों को अन्य माध्यमों (ट्रैक्टर/ट्रॉली) से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राहत शिविरों में ठहरे 237 लोग
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदोरा और फतेहपुर से निकाले जा रहे लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 237 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा रेस्क्यू किए जा रहे लोगों के लिए क्षेत्र में पांच रिलीफ कैंप स्थापित किए गए हैं, जिसमें फतेहपुर और इंदोरा उपमंडल में दो-दो तथा नूरपुर में एक रिलीफ कैंप लगाया गया है।
जिलाधीश ने बताया कि प्रशासन द्वारा स्थापित पांच राहत शिविरों में से फतेहपुर उपमंडल के बढूखर में 186 और फतेहपुर में 38 लोग रह रहे हैं। वहीं इंदोरा के शेखपुरा में अभी 13 लोगों ने आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदरोड़ी और डमटाल के राम गोपाल मंदिर में स्थापित राहत शिविरों में फिलहाल कोई नहीं है।
डीसी ने बताया कि प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में लोगों के रहने खाने की पूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इसके अवाला वहां मेडिकल टीमों की तैनाती भी की गई है, जो रेस्क्यू किए गए लोगों का स्वास्थ्य जांच कर जरूरी उपचार भी कर रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि रेस्क्यू किए लोगों को पहले सीधा राहत शिविरों में लाया जा रहा है, उसके बाद बहुत से लोग अपने रिश्तेदारों के पास रहने के लिए चले जा रहे हैं।
बिमार, बुजुर्ग और बच्चों को निकाला सुरक्षित
उपायुक्त ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के दौरान बहुत से बिमार, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी बाढ़ में फंस गए थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को भी रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि इंदोरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हेमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया, 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया। जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भी बहुत से बच्चों, रोगियों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इस दौरान रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
शासन-प्रशासन डटा रहा मौके पर
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य शुरू होते ही आर्मी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा शासन और प्रशासन भी निरंतर मौके पर डटा रहा। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार फीडबैक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इंदोरा के विधायक मलेंद्र राजन और विधायक फतेहपुर भवानी पठानिया ने भी स्पॉट पर रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड किया।
उन्होंने बताया कि प्रशासन से वे स्वयं, एसपी नूरपुर अशोक रतन, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती, एसडीएम इंदोरा डॉ. सुरिंद्र ठाकुर, एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह, तहसीलदार इंदोरा शिखा, तहसीलदार फतेहपुर पवन सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी हर समय मौके पर ही रहे। उपायुक्त ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य अभी जारी है।
सरकार और प्रशासन का जताया आभार
इंदोरा और फतेहपुर में चले रिलीफ ऑपरेशन में सुरक्षित निकाले गए लोगों ने भारतीय सेना, प्रदेश सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उनके जीवन में कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी ऐसा कभी सोचा नहीं था। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सेना, सरकार और प्रशासन ने उनके प्राणों की रक्षा कर उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, इसके लिए वे सदा आभारी रहेंगे।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post शिक्षण संस्थानो को 17 अगस्त से खोलने का निर्णय
Next post सुजानपुर उपमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लेते डीसी हेमराज बैरवा
error: Content is protected !!