देश के विद्यार्थियों का बेहतर स्वास्थ्य अत्यंत जरूरी: डा विनोद पॉल

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धर्मशाला, 08 सितंबर। स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग विद्यार्थियों की स्वास्थ्य देखभाल की समीक्षा, सुधार और उन्नयन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। विद्यार्थियों का बेहतर स्वास्थ्य अत्यंत जरूरी है। यह उद्गार नीति आयोग के सदस्य डा विनोद पॉल ने शुक्रवार को धर्मशाला के एनआईसी के सभागार में स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए कांगड़ा जिला प्रशासन, स्वास्थ्य अधिकारियों, शिक्षकों तथा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। इस बैठक में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में फीडबैक ली तथा इस कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे।
उन्होंने कहा कि स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में स्वास्थ्य, पौषाहार शिक्षा, हेल्थ चेकअप, बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श, योगा, स्वास्थ्य की दृष्टि से विद्यालय का वातावरण, फर्स्ट ऐड, एक्यूट केयर जैसे प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है इनका बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करना जरूरी है इस के लिए शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग को सामूहिक प्रयास करने जरूरी हैं। विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि युवा पीढ़ी स्वस्थ होकर देश की प्रगति और खुशहाली के लिए अपना योगदान सुनिश्चित कर सके।
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उददेश्य:
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक छात्र का शारीरिक मानसिक और भावात्मक रूप से अधिक से अधिक स्वास्थ्य का विकास करना है। विद्यालय प्रशासन के द्वारा इस ओर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे छात्र स्वस्थ जीवन यापन के साथ निरोगी रह सकें। इस कार्यक्रम के माध्यम से कुपोषित और एनीमिक बच्चों की पहचान सहित बच्चों और किशोरों में बीमारियों का जल्दी पता लगाना और उनका इलाज सुनिश्चित हो सकेगा।
बच्चों की समस्याओं का संवाद से हल हो सुनिश्चित
शिक्षकों ने माना कि स्मार्ट फोन और इंटरनेट जैसी लत से बच्चों को दूर करने के लिए अभिभावकों को भी अहम भूमिका निभानी होगी। बच्चों की समस्याओं को दूर करने के लिए संवाद बहुत जरूरी है तथा इस के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि बच्चे खुलकर अपनी बात रख सकें। इसके साथ ही खान पान को लेकर भी बच्चों को जागरूक करने के लिए कदम उठाना जरूरी हैं। बैठक में विद्यालय की कैंटीन में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री रखने जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।


स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्वयन हो रहा सुनिश्चित
इससे पहले उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं इस दिशा में नियमित तौर पर स्कूलों में हेल्थ चेकअप कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों में बच्चों को नशे जैसी कुरीतियों से दूर रखने तथा व्यक्तित्व निर्माण के लिए संवाद कार्यक्रम प्रारंभिक तौर पर जिला के 152 स्कूलों में आरंभ किया गया है इसमें बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां भी प्रदान की जा रही हैं।
इस अवसर पर एसी टू डीसी सुभाष गौतम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुशील शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, शिक्षा विभाग के अधिकारी, विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।

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