मंडी । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रदेश के हजारों युवा इस योजना से सफल स्वरोजगारी या उद्यमी बन कर अपना सपना साकार कर रहे हैं। मंडी जिला के सुन्दरनगर की स्वाति पठानिया भी स्वरोजगार शुरू करने का सपना बुना और इस सपने को साकार किया मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने। आज ड्राई क्लीन और लॉन्ड्री में कार्य करने वाली मशहूर टम्बल ड्राई कंपनी की फैंचाइजी लेकर स्वाती पठानिया हर महीने 70 हजार से एक लाख रुपये कमा रही हैं।
वर्ष 2018 में सिविल इंजनियरिंग में डिप्लोमा और बीटेक करने के बाद कुछ समय के लिए स्वाति बरमाणा में निजी बैंक में 21000 रुपये मासिक की नौकरी तो कर ली। लेकिन उनका मन अपना स्वरोजगार करने का था। इसलिए उन्होंने कुछ समय बाद यह नौकरी छोड़ दी। लेकिन स्वरोजगार के लिए धन की कमी के उनका यह सपना पूरा नहीं कर पा रही थी।
इस बीच उन्हें उद्योग विभाग के अधिकारियों से बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार या उद्यम शुरू करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने टम्बल ड्राई कम्पनी से सम्पर्क कर उपकरण और मशीनरी स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की तथा इस योजना से लोन लेने के लिए अप्लाई किया। प्रोजैक्ट रिपोर्ट स्वीकृत होने पर स्वाति पठानिया को बैंक से पिछले वर्ष 29 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हो गया। बैंक से ऋण मिलते ही स्वाति पठानिया ने मंडी शहर के बीचोें बीच एक दुकान किराए पर ली और ड्राई क्लीन और लॉन्ड्री की आधुनिक मशीने स्थापित कर कार्य करना शुरू कर दिया। ग्राहकों को बेहतरीन सुविधाएं देने के कारण उनका ड्राई क्लीन और लॉन्ड्री का कार्य दिन दुगनी रात चौगनी से बढ़ने लगा। आज स्वाति हर महीने 70 हजार से एक लाख रुपये तक कमा रही है और इसके अतिरिक्त उन्होंने छह लोगोे को रोजगार भी दे रखा है।
स्वाति ने बताया कि अव वह अपने दम पर ही इस कार्य को और बढ़ा रही है। दिसम्बर माह तक वह जोगिन्द्रनगर और कुल्लू में भी टम्बल ड्राई के नए आउटलेट खोल देगी। इस समय स्वाति ने मंडी शहर के अतिरिक्त आईआईआईटी कमंाद मंडी में भी एक आउटलेट खोल रखा है।
युवाओं के लिए बनी प्रेरणाश्रोत
वह जमाना गया जब लड़कियों को कमजोर समझा जाता था और उनके जन्म पर दुख मनाया जाता था। आज लड़कियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। इन्हीं में से स्वाति पठानियां भी बेरोजगार युवक युवतियों के लिए प्र्रेरणाश्रोत बनकर उभरी हैं। डेढ वर्ष की आयु में अपने पिता को खो चुकी स्वाति ने अपने दम पर यह मुकाम हासिल किया है। बेशक स्वाति की माता और भाई सरकारी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने उनसे किसी प्रकार की सहायता वित्तीय सहायता नहीं ली।
युवाओं को नए आइडिया के साथ कार्य करने की दी सलाह
उन्होंने युवाओं को नए आइडिया के साथ कार्य करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि नए आइडिया और बेहतर प्रबंधन के साथ किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है। प्रदेश सरकार भी इसके लिए उनकी काफी मदद करती है।
मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद
स्वाति ने अपने सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के कारण ही वह अपने सपने को पूरा कर पाई हैं।
योजना में 18 से 45 वर्ष के युवा कर सकते हैं अपना उद्यम स्थापित
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