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ऊना, 26 सितम्बर – मोटे अनाज से तैयार किया गया भोजन व मिष्ठान सहित अन्य खाद्य पदार्थ अन्य अनाजों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है यह न केवल पचाने में आसान है बल्कि इससे अनेक प्रकार के जीवन शैली से जुड़े रोग स्वतरू ही ठीक होने लगते हैं। यह बात उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने विकास खंड बंगाना की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी मिलेट्स मिष्ठान उत्पादक महिलाओं से मुलाकात के दौरान कही।
राघव शर्मा ने बताया कि विकास खंड बंगाना तथा ऊना के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं मोटे अनाज के इस्तेमाल से अनेक प्रकार के मिष्ठान्न व खाद्य उत्पाद तैयार कर रही हैं जिनमें स्वच्छता व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद दिन प्रतिदिन आम लोगों में प्रसिद्ध हो रहे हैं जिसकी बदौलत उनकी मांग निरंतर बढ़ रही है। महिलाओं द्वारा मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों के बदौलत लोगों को न केवल मोटे अनाज के महत्व बारे ज्ञानवर्धक जानकारी मिल रही है बल्कि इससे इस कार्य में जुटी महिलाओं की आर्थिकी की में सुधार भी हो रहा है। उपायुक्त ऊना ने कहा कि इस कार्य के लिए आत्मा प्रोजेक्ट द्वारा महिलाओं का सहयोग व मार्गदर्शन किया जा रहा है उन्होंने बताया कि भविष्य में इस क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं के सहयोग के लिए कई और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। राघव शर्मा ने जिला वासियों से अपील की है कि वे जीवन में मिलेट्स से तैयार किए गए खाद्य पदार्थाे का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें तथा अन्य लोगों को भी इस बारे में प्रेरित करें।
इस मौके पर विकास खण्ड बंगाणा की ग्राम पंचायत बलह निवासी भावना देवी ने बताया कि उनके द्वारा निर्मित बाजरे के लड्डू और रागी (मंडल) की बर्फी लोगों को काफी पसन्द भी आ रही है तथा एक बार खरीदने पर लोग दोबारा इसकी मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह द्वारा मिलेट्स का इस्तेमाल से तैयार की जा रही बर्फी व लड्डू को बनाने के लिए देसी घी,शकर या गुड़ का प्रयोग किया जाता है तथा उत्पाद बनाते समय स्वच्छता, शुद्धता व गुणवता का विशेष ख्याल रखा जाता है। भावना देवी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विकास खण्ड बंगाणा की तरफ से उन्हें प्रशिक्षण के लिए सुंदरनगर भेजा गया था जहां पर एक सप्ताह तक मोटे अनाज से बनने वाले अनेक व्यंजनों तथा मिष्ठान इत्यादि को बनाने के बारे में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए बाजरे के लड्डू, रागी (मंडल) की बर्फी और रागी की चाय काफी लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक उनके द्वारा लगभग एक क्विंटल तक मिलेट्स उत्पाद बनाकर स्थानीय उपभोक्ताओं के अलावा चंडीगढ़ तथा सुंदर नगर में भी बेचे जा चुके हैं। भावना देवी ने बताया कि इस कार्य के लिए जिला प्रशासन ऊना के साथ-साथ उप मंडल प्रशासन बंगाना तथा विकास खण्ड बंगाणा के एनआरएलएम स्टाफ का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
इस अवसर पर आत्मा प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक डा वीरेंद्र कुमार बग्गा, ग्राम पंचायत तनोह निवासी मीना देवी, ग्राम पंचायत बलह निवासी भावना देवी, ग्राम पंचायत बनगढ़ निवासी कृष्णा देवी, और ग्राम पंचायत लठियानी निवासी सपना देवी भी उपस्थित रही।
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