हमीरपुर 26 सितंबर। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों के मिलकर चलने और आगे बढ़ने से ही हमारा भारत एक विकसित राष्ट्र बन सकता है। अगर समाज के सभी वर्ग आपसी सद्भाव एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करें तो विकास की रफ्तार अपने आप ही कई गुणा बढ़ सकती है।
मंगलवार को गांव मुंडखर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिला नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम-1955 और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 पर आयोजित जागरुकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आजादी के कई दशकों बाद भी हमारे समाज में कुरीतियां एवं विकृतियां मौजूद हैं। इनके उन्मूलन के लिए हमें अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने कई नियम-अधिनियम बनाए हैं, लेकिन इस दिशा में व्यापक एवं सकारात्मक परिवर्तन के लिए किसी बाहरी व्यक्ति के बजाय समाज के अंदर से ही सबको आगे आना होगा। उपायुक्त ने कहा कि पंचायत जनप्रतिनिधि इस सामाजिक परिवर्तन में बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
इस अवसर पर एसपी डाॅ. आकृति शर्मा ने बताया कि एससी-एसटी वर्ग के लोगों पर अत्याचार रोकने तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं। ऐसे मामलों की शिकायत मिलते ही एफआईआर दर्ज कर दी जाती है और इनकी जांच केवल राजपत्रित पुलिस अधिकारियों द्वारा ही की जाती है। ऐसे मामलों को छिपाने का प्रयास करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। एसपी ने महिलाओं से संबंधित संगीन अपराधों और साइबर अपराधों तथा इनसे संबंधित अधिनियमों की भी विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्हांेने बताया कि हिमाचल पुलिस के टाॅल फ्री नंबर 112 और व्हाट्सऐप नंबर 9459100100 पर भी शिकायत की जा सकती है।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनीष कुमार ने मुफ्त कानूनी सहायता योजना, मोटर वाहन अधिनियम और नशे की समस्या के बारे में बताया।
इससे पहले जिला कल्याण अधिकारी राकेश पुरी ने उपायुक्त, अन्य सभी वक्ताओं और शिविर में उपस्थित पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों का स्वागत किया तथा विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
सहायक जिला न्यायवादी डिंपल कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता केसी भाटिया और नरेश जसवाल ने एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के विभिन्न प्रावधानों से अवगत करवाया। कार्यक्रम के दौरान त्रिवेणी कला संगम के लोक कलाकारों ने लोकगीतों एवं लघुनाटक के माध्यम से भी अधिनियम की जानकारी दी।
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