ज़िला स्तरीय मासिक मूल्यांकन बैठक का आयोजन
आज दिनाक 16/10/23 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉ आर के
अग्निहोत्री की अध्यक्षता में सी ऍम ओ ऑफिस के कांफ्रेंस हॉल में ज़िला
स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसमे जिला स्वास्थ्य
अधिकारी डा. संजय जगोता, डा. अजय अत्री व् डा. राकेश ठाकुर, स्वास्थ्य
खंडों के खण्ड चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, लेखाकार, ब्लाक
प्रोग्राम मैनेजर व सूचना शिक्षा सम्प्रेषण ब्यूरो के कर्मचारी उपस्थित
रहे l
डा. अग्निहोत्री ने बैठक में आयुष्मान भव:
अभियान की अब तक की उपलब्धियों का अवलोकन करने के पश्चात् खंड चिकित्सा
अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा की वे छूटे हुए समस्त आयुष्मान
लाभार्थियों का शीघ्र कार्ड बनाना सुनिश्चित करे और सभी लोगों की आभा आई.
डी. बनाने की गतिविधि को तीव्रता दें l सभी खंड चिकित्सा अधिकारी इस
कार्य की रोजाना मॉनिटरिंग करें l
मात्री एवम शिशु स्वास्थ्य के सम्बन्ध में रिपोर्टों के विशेषण
के उपरांत कहा की सभी गर्भवती महिलायों का 12 सप्ताह के अंदर गर्भवस्था
के लिए पंजीकरण अनिवार्य रूप से प्रजनन एवम बाल स्वास्थ्य पोर्टल पर
अपलोड करें और जो किसी कारण वश 12 सप्ताह के भीतर पंजीकृत नहीं हो पाती
हैं उन लाभार्थीयों की कारण सहित पूरी जानकारी जुटाकर अपने पास रखें l
इसी तरह गंभीर अनीमिया से जूझ रही महिलायों की केस वाइज पूरी जानकारी
जुटाएं और उनका नियमित तौर पर स्वास्थ्य सम्बन्धी फॉलोअप भी करें ताकि
उनकी स्थिति में सुधर हो ताकि उनके जोखिम को कम करके जच्चा व बच्चा को
सुरक्षित किया जा सके l शिशु एवम बाल मृत्यु के आंकड़ों के सम्बन्ध में
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा की हर खंड चिकित्सा अधिकारी अपने अपने
क्षेत्र की इन सभी बल मृत्यु के मामलों का गहन विश्लेषण करके बल मृत्यु
के कारणों का पता लगायेंगे तथा बाल मृत्यु को कम करने के लिए अपने
सुझावों सहित विस्तृत रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध करवाएंगे
ताकि जिला स्तर पर विचार विमर्श उपरांत इसके सम्बन्ध में आवश्यक
सुधारात्मक कदम उठाये जा सकें l
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा की स्क्रब टायफस के मामले बढ़ रहे हैं अत:
इसके लिए जरूरी दवाइयों जैसे – अज़िथ्रोमाइसन तथा डोक्सीसाईंक्लीन का
आवश्यक स्टॉक सभी अस्पतालों में लगातार बनाये रखें और इस से बचने के लिए
लोगों को व्यापक रूप से जागरूक करें ताकि रोगी शीघ्र बुखार होने पर
अस्पताल आये और स्क्रब टायफस के लिए उसकी जाँच हो सके l उन्होंने कहा की
प्रत्येक क्षेत्र से पेय जल की जाँच के लिए पानी के नमूने भेजते रहें
और इस सम्बन्ध में कोई भी कोताही न बरतें क्योंकि वारिश के कारण पेय जल
स्त्रोतों के संक्रमित होने का खतरा रहता है l
जननी शिशु सुरक्षा योजना के समस्त लाभार्थियों की पूर्ण जानकारी जुटाकर
उनमें से कितने लाभार्थियों को इसका लाभ मिला व् कितने इस लाभ से वंचित
रह गये इसके कारणों सहित पूरी रिपोर्ट देने के लिए खंड चिकित्सा
अधिकारियों को निर्देश दिए l
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