कुल्लू से आपदा प्रभावितों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत, राहत राशि वितरित

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत आज कुल्लू जिला से की और प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज के लाभ प्रदान किए। कुल्लू के रथ मैदान से मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर जिला कुल्लू में 324 प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपये की पहली किस्त के रूप में 9.72 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की। यह मुआवजा राशि जिला में आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को उनके पुनर्वास के लिए प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत जुलाई माह में कुल्लू से उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों की शुरूआत की थी और आज यहीं से राहत राशि बांटने की योजना का भी शुभांरभ किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संसाधन सीमित हैं, लेकिन वर्तमान सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आम आदमी और गरीब की सरकार है तथा उनके दुःख-दर्द को बेहतर ढंग से जानती है। इसीलिए 75 हजार करोड़ का कर्ज और सरकारी कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की देनदारियां होने के बावजूद राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। जिसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाते हुए 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर को आंशिक क्षति होने पर मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 हजार रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। गौशाला को हुए नुकसान की भरपाई की राशि 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है। प्रदेश सरकार किराएदारों के सामान के नुकसान पर 2500 रुपये की मुआवजा राशि में 20 गुणा बढ़ोतरी कर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की मृत्यु पर 55 हजार रुपये जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बीच जब वे कुल्लू पहुंचे तो यहां न बिजली थी, न पानी था और सड़कें टूटी हुई थी। इस बड़े बचाव अभियान की उन्होंने स्वयं निगरानी की। अधिकारियों, कर्मचारियों और आम लोगों के सहयोग से 48 घंटे के भीतर सभी आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया गया और 75 हजार से अधिक पर्यटकों व 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। फंसे हुए लोगों के लिए खाने, पीने और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया गया, जिसकी प्रशंसा पूरे देश ने की है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में ऐसी आपदा कभी नहीं आई और प्रदेश के लोगों ने पूरी मजबूती के साथ इसका सामना किया है। प्रदेश को 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। लगभग 16 हजार घरों को नुकसान पहुंचा जिनमें से 13 हजार घर पूरी तरह से टूट गए। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव सहायता का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तीसरी टीम प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंच गई है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से विशेष राहत का कोई पैसा नहीं मिला है। जब भी केंद्र से विशेष राहत पैकेज की धनराशि मिलेगी, वह स्वयं केंद्र सरकार का धन्यवाद करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 12000 करोड़ रुपए के दावे भेजे हैं, अब कम से कम वही धनराशि हिमाचल को दी जाए, ताकि राज्य सरकार प्रभावितों की और मदद कर सके।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे लगभग 300 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया। अपनी जान की परवाह न करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने माइनस चार डिग्री तापमान और छह फीट बर्फबारी के बीच इस मुश्किल मिशन को पूरा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों, कर्मचारियों और हर वर्ग के सहयोग से आपदा राहत कोष में 230 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जमा हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में 15 देशों के सांस्कृतिक दल शामिल होंगे, जो ऐतिहासिक है। इस बार कुल्लू दशहरे का स्वरूप और भव्य होगा, जिसके लिए मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक भुवनेश्वर गौड़ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जुमलेबाजी में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं तथा जो कहते हैं, वो करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दृढ़ संकल्प से ही राज्य सरकार 4500 करोड़ का विशेष पैकेज लेकर आई है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि एक भी पात्र व्यक्ति इस राहत पैकेज से छूटना नहीं चाहिए और एक भी अपात्र का चयन नहीं होना चाहिए। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार तहसील स्तर पर कमेटियां बनाकर सोशल ऑडिट करवाएगी।
भाजपा पर आपदा में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले लेकिन प्रदेश के लिए एक भी पैसा लाने में असफल रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते जयराम ठाकुर कभी भी सड़क मार्ग से जनजातीय क्षेत्र के प्रवास पर नहीं गए और अब विपक्ष में रहते हुए जनजातीय क्षेत्र के लोगों के हिमायती बनने का प्रयास कर रहे हैं।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आर्थिक तंगी के बावजूद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 4500 करोड़ रुपए का पैकेज आपदा प्रभावितों के लिए जारी किया है। उन्हीं के नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में सड़कों, बिजली व पानी सहित अन्य सुविधाओं को अस्थाई तौर पर बहाल किया गया। जिला कुल्लू में लगभग 650 कि.मी. सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, तथा राज्य सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है और विधानसभा में लाए गए संकल्प का उन्होंने समर्थन नहीं किया। अगर विपक्ष की नीयत साफ होती तो वह राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का समर्थन करते।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राउंड जीरो पर रहकर काम किया। वह कुछ घंटों के लिए कुल्लू जिला आए थे, लेकिन आपदा की गंभीरता को देखते हुए तीन दिन तक यहां रुक कर उन्होंने बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई और सशक्त नेतृत्व प्रदान किया। सरकार हर प्रभावित तक पहुंची और आपदा को संवेदना से जोड़ा। मुख्यमंत्री ने संजीदगी के साथ आपदा के दौरान कार्य किया और यही वजह रही कि पूरी टीम भी सजग रही। उन्होंने कहा कि इस बार कुल्लू दशहरा धूमधाम से मनाया जाएगा तथा उन्होंने मुख्यमंत्री को तीन दिन तक दशहरा में आने का निमंत्रण भी दिया।
विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने मुख्यमंत्री का जिला कुल्लू में आने पर स्वागत किया और कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान ऐतिहासिक कार्य किया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार संवदेनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और जिला में आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सेस राम आजाद, पूर्व मंत्री खिमी राम शर्मा, एसपी साक्षी वर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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