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ग्रामीण स्तर तक तीव्र विकास प्रक्रिया सुनिश्चित करने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ठोस कदम उठा रही है। विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत वर्तमान प्रदेश सरकार ने इसके बजट में बढ़ोतरी की है। प्रदेश में इस वर्ष भारी बारिश के कारण हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना के अन्तर्गत आवश्यक संशोधन किए हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रति निर्वाचन क्षेत्रवार 2.10 करोड़ रुपये का प्रावधान इस योजना के तहत किया गया है। इसके लिए 144.01 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान इस वित्त वर्ष के लिए किया गया है, जिसमें से 15 अक्तूबर, 2023 तक 74.84 करोड़ रुपये दो किश्तों में जिलों को जारी किए जा चुके हैं। भारी बरसात के कारण हुए नुकसान के दृष्टिगत सरकार ने इस योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। इसे व्यापक रूप प्रदान करते हुए इसके अन्तर्गत रिटेनिंग तथा ब्रेस्ट दिवारों की मुरम्मत एवं नालों के तटीयकरण का भी प्रावधान किया गया है।
वर्षवार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में इस योजना के अन्तर्गत 97.98 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 32.66 करोड़ रुपये, वर्ष 2021-22 में 122.40 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2022-23 में 103.34 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। ऐसे में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा विधायक विकास निधि में इस वर्ष लगभग 41 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत पाठशालाओं में कमरों का निर्माण, आयुर्वेदिक औषधालयों, पशु चिकित्सा औषधालयों व स्वास्थ्य उप-केन्द्रों का निर्माण, हैंडपम्पों की स्थापना, ग्रामीण स्तर पर सामान्य सामुदायिक भवनों का निर्माण, मोटर एवं जीप योग्य सम्पर्क सड़कों के निर्माण सहित अन्य विभिन्न कार्य करवाए जा सकते हैं। ग्रामीण सड़कों के लिए छोटे पुलों एवं पुलियांे का निर्माण, पक्के ग्रामीण रास्तों का निर्माण, छूटी हुई बस्तियों के लिए पेयजल योजनाएं, स्थानीय स्तर की सिंचाई योजनाएं, पाठशालाओं में शौचालयों का निर्माण, बस अड्डा इत्यादि स्थानों पर सार्वजनिक शौचालयों व स्नानगृहों का निर्माण, दूर-दराज व ग्रामीण क्षेत्रों में बचे हुए घरों का विद्युतीकरण तथा स्कूल भवनों की मरम्मत व खेल मैदानों के निर्माण कार्य भी इस योजना के अन्तर्गत करवाए जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, पंचायतों तथा शहरी निकायों में व्यायामशालाओं (जिम) का निर्माण, बस स्टैंडों का निर्माण व रख-रखाव, ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों में सरकारी भवनों की मरम्मत, इन क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत व रख-रखाव, सामुदायिक वाई-फाई लगाने, लोक कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्कूलों में बच्चों के बैठने का सामान, खेल सामग्री, अस्पतालों में बिस्तर व कम्बल, जल वितरण में मोटर पम्पों को बदलना भी इसमें शामिल है।
योजना के तहत पंजीकृत महिला मण्डलों को बर्तन व फर्नीचर तथा युवक मण्डलों को खेल उपकरण, स्वयं सहायता समूहों को भी इन मदों में अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति मण्डल अथवा समूह अनुदान का प्रावधान है। शहीदों के बलिदान की समृति में शहीदी द्वारों का निर्माण भी इस योजना के तहत करवाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार अन्तिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्प है। ग्रामीण स्तर पर विधायकों के माध्यम से विकास कार्यों तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट का समुचित आवंटन सुनिश्चित किया गया है। भारी बरसात के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि में संशोधन कर लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रति निर्वाचन क्षेत्रवार 2.10 करोड़ रुपये का प्रावधान इस योजना के तहत किया गया है। इसके लिए 144.01 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान इस वित्त वर्ष के लिए किया गया है, जिसमें से 15 अक्तूबर, 2023 तक 74.84 करोड़ रुपये दो किश्तों में जिलों को जारी किए जा चुके हैं। भारी बरसात के कारण हुए नुकसान के दृष्टिगत सरकार ने इस योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। इसे व्यापक रूप प्रदान करते हुए इसके अन्तर्गत रिटेनिंग तथा ब्रेस्ट दिवारों की मुरम्मत एवं नालों के तटीयकरण का भी प्रावधान किया गया है।
वर्षवार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में इस योजना के अन्तर्गत 97.98 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 32.66 करोड़ रुपये, वर्ष 2021-22 में 122.40 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2022-23 में 103.34 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। ऐसे में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा विधायक विकास निधि में इस वर्ष लगभग 41 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत पाठशालाओं में कमरों का निर्माण, आयुर्वेदिक औषधालयों, पशु चिकित्सा औषधालयों व स्वास्थ्य उप-केन्द्रों का निर्माण, हैंडपम्पों की स्थापना, ग्रामीण स्तर पर सामान्य सामुदायिक भवनों का निर्माण, मोटर एवं जीप योग्य सम्पर्क सड़कों के निर्माण सहित अन्य विभिन्न कार्य करवाए जा सकते हैं। ग्रामीण सड़कों के लिए छोटे पुलों एवं पुलियांे का निर्माण, पक्के ग्रामीण रास्तों का निर्माण, छूटी हुई बस्तियों के लिए पेयजल योजनाएं, स्थानीय स्तर की सिंचाई योजनाएं, पाठशालाओं में शौचालयों का निर्माण, बस अड्डा इत्यादि स्थानों पर सार्वजनिक शौचालयों व स्नानगृहों का निर्माण, दूर-दराज व ग्रामीण क्षेत्रों में बचे हुए घरों का विद्युतीकरण तथा स्कूल भवनों की मरम्मत व खेल मैदानों के निर्माण कार्य भी इस योजना के अन्तर्गत करवाए जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, पंचायतों तथा शहरी निकायों में व्यायामशालाओं (जिम) का निर्माण, बस स्टैंडों का निर्माण व रख-रखाव, ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों में सरकारी भवनों की मरम्मत, इन क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत व रख-रखाव, सामुदायिक वाई-फाई लगाने, लोक कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्कूलों में बच्चों के बैठने का सामान, खेल सामग्री, अस्पतालों में बिस्तर व कम्बल, जल वितरण में मोटर पम्पों को बदलना भी इसमें शामिल है।
योजना के तहत पंजीकृत महिला मण्डलों को बर्तन व फर्नीचर तथा युवक मण्डलों को खेल उपकरण, स्वयं सहायता समूहों को भी इन मदों में अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति मण्डल अथवा समूह अनुदान का प्रावधान है। शहीदों के बलिदान की समृति में शहीदी द्वारों का निर्माण भी इस योजना के तहत करवाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार अन्तिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्प है। ग्रामीण स्तर पर विधायकों के माध्यम से विकास कार्यों तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट का समुचित आवंटन सुनिश्चित किया गया है। भारी बरसात के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि में संशोधन कर लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है।
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