मंडी, 10 नवंबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडी अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने में तत्परता से अपनी भूमिका निभा रहा है। कानून और समुदाय के बीच की दूरी को पाटने और कानूनी जानकारी बढ़ाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मंडी जिले में विधिक सेवा दिवस मनाया गया। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और उपमंडल कानूनी सेवा समितियों ने गुरुवार को जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम चलाए।
अंशु चौधरी ने कहा कि यह कार्यक्रम सभी के लिए सुलभ न्याय सुनिश्चित करने की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रतिबद्धता को समर्पित हैं। इसमें मुफ्त कानूनी सहायता को लेकर भी लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि मुफ्त कानूनी सहायता योजना को लेकर जन जागरूकता का उद्देश्य मुख्य रूप से समाज के कमजोर वर्गों को लक्षित करना है। इन वर्गों में महिलाएं, विकलांग व्यक्ति, अनुसूचित जनजाति, बच्चे, अनुसूचित जाति, मानव तस्करी के शिकार और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य व्यक्तियों को उनके अधिकारों और उन तरीकों के बारे में जानकारी देकर सशक्त बनाना है जिनके माध्यम से वे वित्तीय बाधाओं के बिना कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
यहां हुए कार्यक्रम
जिला विधिक सेवा प्राधिकारण की सचिव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडी ने मंडी, सुंदरनगर, करसोग, गोहर, सरकाघाट, पधर और जोगिंदर नगर के स्कूलों और पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही निशुल्क कानूनी सहायता योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मंडी के बाजारों में लोगों के बीच पर्चे वितरित किए ।
उन्होंने बताया कि जिला जेल मंडी, राजकीय (बाल) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंडी, राजकीय डिग्री कॉलेज बासा, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरकाघाट, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काओ (करसोग) और ग्राम पंचायत रोपा पधर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर पैरा लीगल वालंटियर्स ने ग्राम पंचायत सलवाहन, लोहारा, स्वांमाहूं (करसोग), सेरी बंगलो (करसोग), सेरी (गोहर), महादेव (सुंदर नगर), बसंतपुर (सरकाघाट) और नेर घरवासरा में लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में जागरूक किया।
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