शिमला 22 नवंबर – हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के निदेशक मंडल की आज यहां हिमाचल हॉलिडे होम शिमला में 43वीं बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता श्रम एवं रोजगार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ0 कर्नल धनीराम शांडिल ने की।
इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन मे कहा कि कामगार बोर्ड मजदूरों व असहाय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के सभी प्रतिनिधि मजदूरों के कल्याणार्थ टीम के तौर पर मिलकर कार्य करें ताकि उन्हें निश्चित समयावधि के भीतर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कल्याण बोर्ड हर दो महीने में बोर्ड द्वारा करवाए जा रहे कार्यों व दिए जा रहे लाभ की समीक्षा के लिए बैठक नियमित रूप से आयोजित करता आ रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मिस्त्री, पेंटर, प्लम्बर, वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, मजदूर व हेल्पर या भवन के निर्माण कार्य में कुशल या अर्ध कुशल कामगार, लिपिकीय कार्य या तकनीकी तौर पर सक्षम मजदूर जो वेतन या पारिश्रमिक के लिए कार्य करते हैं उन सभी को कल्याण बोर्ड के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है।
डॉ शांडिल ने कहा कि बोर्ड द्वारा कामगार मजदूरों को बच्चों की शादी के लिए वित्तीय सहायता के अतिरिक्त मातृत्व प्रसुविधा, शिक्षा, चिकित्सा, अंतिम संस्कार, मृत्यु, पेंशन व विकलांगता पेंशन सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, कामगार की बेटी के जन्म पर उपहार योजना, मानसिक रूप से मंद-अपंग बच्चों के लिए सहायता, विधवा पेंशन योजना, हॉस्टल सुविधा योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना तथा कौशल विकास योजना भी चलाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की अनुशंसा पर सरकार द्वारा प्रदेश के सभी 12 जोनल कार्यालयों में कल्याण बोर्ड के निर्माण कार्योँ के निरीक्षण एवं कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया बढ़ाने के लिए कामगार कल्याण अधिकारी के पद भर दिए गए है और औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में भी सुचारू कामकाज के लिए एक अन्य पद भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य को करते समय यदि कामगार अस्वस्थ हो जाता है या विकलांग हो जाता है तो उसे चिकित्सा सहायता के रूप में 5 लाख रुपये तक की राशि उपलब्ध कराई जा रही है ताकि कामगार मजदूर पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर पुनः काम पर लौटकर अपने परिवार का सही पालन पोषण कर सके।
निदेशक मंडल की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के खातों तथा वार्षिक योजना रिपोर्ट 2021-22 को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, निदेशालय कल्याण बोर्ड तथा फील्ड में निरीक्षण, कार्यशाला, पंजीकरण व अन्य तत्काल कार्य के लिए सरकार की ई-टैक्सी योजना के तहत कामगार कल्याण अधिकारियों को टैक्सी किराए पर लेने का निर्णय लिया गया जबकि विभिन्न फर्मों के लंबित लगभग 4 करोड़ 82 लाख के बिलों का सत्यापन कर शीघ्र अदायगी करने, कल्याण बोर्ड की सभी योजनाओं व कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार प्रक्रिया को सरकारी एजेंसी के माध्यम से करवाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में जोनल कार्यालयों के कार्यों को सुचारू चलाने के लिए फर्नीचर खरीदने, ऊना के हरोली में पंजीकृत कामगारों के लिए निर्मित किए गए ट्रांजिट हॉस्टल में सफेदी कार्य करवाने, हरोली ऊना में बने कौशल विकास कार्यशाला संस्थान को आईटी व आईआईआईटी को सौंपने, पंजीकृत कामगारों को पंजीकरण के दस साल के बाद पेंशन की सुविधा देने, कल्याण बोर्ड के सुचारू कामकाज के लिए दो लैपटॉप खरीदने, आऊटसोर्स पर रखे गए कार्यकारी अधिकारियों की सेवाएं आवश्यकतानुसार खत्म करने, जरूरत के अनुसार डाटा एंट्री ऑपरेटर के सेवा विस्तार सहित 25 से अधिक मर्दों पर निदेशक मंडल की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।
इससे पहले निदेशक मंडल की बैठक में ऑडिट विभाग द्वारा उठाई गई विभिन्न ऑडिट आपत्तियों बारे विस्तार से चर्चा की गई। कैबिनेट मंत्री ने ऑडिट आपत्तियों को शीघ्र निपटारे के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
प्रधान सचिव श्रम एवं रोजगार अभिषेक जैन ने कैबिनेट मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि निदेशक मंडल की बैठक में जो भी दिशा निर्देश मुख्यातिथि द्वारा दिए गए हैं उनका अक्षरशः पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा की कल्याण बोर्ड निर्धारित लक्ष्य को तय समयावधि के भीतर हासिल करेगा ताकि कामगारों को समय पर लाभ मिल सके।
कामगार कल्याण बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार ने बैठक का संचालन किया।
इस अवसर पर निदेशक मंडल के सरकारी सदस्यों में सचिव कानून शरद कुमार लगवाल, एसई जल शक्ति विभाग विशाल जायसवाल, परियोजना अधिकारी हिम ऊर्जा रमेश रतन, अधिशासी अभियंता हिमुडा राजकुमार, वरिष्ठ प्रबंधक एचपी पावर कॉरपोरेशन निशि भट्ट, सहित गैर सरकारी सदस्यों में भूपेंद्र, हेमा तंवर, जगदीश चंद्र भारद्वाज, प्रदीप ठाकुर, रविंद्र सिंह, संजीव सूद तथा मनोज गुप्ता उपस्थित रहे।
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