सरकाघाट (मंडी), 27 नवंबर। सरकाघाट के गैहरा क्षेत्र में मानसून आपदा 2023 प्रभावितों में कुछ परिवारों के नाम प्रशासन द्वारा तैयार डैमेज रिपोर्ट में सम्मिलित न किए जाने की बात तथ्यात्मक रूप से सही नहीं पाई गई है. एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा ने बताया कि इस मामले में नायब तहसीलदार भदरोता के नेतृत्व में जांच के लिए गठित कमेटी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि जिन परिवारों के नाम सूची में नहीं हैं, उनमें से कुछ मकान सरकारी भूमि पर हैं, जिससे राहत मैन्युअल के मुताबिक वे पात्र नहीं हैं. गैहरा,खण्डाहर, काश, झीड़, शैलग और गदयाड़ू इत्यादि में टीम द्वारा मौका करके,वहां पंचायत प्रतिनिधियों तथा आम लोगों से बातचीत कर और दर्ज किए बयानों के आधार पर प्रस्तुत रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है. कमेटी में नायब तहसीलदार के अलावा
कानूनगो गैहरा और गैहरा तथा पन्याली के पटवारी शामिल थे. रिपोर्ट में यह भी साफ हुआ है कि बहुत से मामलों में मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है, जो 15 फीसदी से कम है, वहीं कुछ मामलों में मकान लंबे समय से जर्जर हैं, जिससे वे मैन्युअल के अनुसार सूची में शामिल नहीं किए जा सकते. वहीं कुछ मामलों में नुकसान इस बार की बजाय पिछ्ले साल या उससे पहले की बरसात में हुआ है, जिनमें अधिकतर में तब के राहत मैन्युअल के मुताबिक राहत राशि प्रदान की जा चुकी है. एक मामले में मकान को हुई क्षति में राहत राशि की प्रथम किस्त के 1.30 लाख रुपये प्रदान किए जा चुके हैं, इसमें 7 लाख राहत का मामला तैयार किया गया है.
वहीं, जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने कहा कि प्रशासन प्रत्येक पात्र परिवार को राहत राशि पहुंचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है. गैहरा को लेकर एसडीएम सरकाघाट को मामले में पूर्ण जांच करवा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. उन्होंने रिपोर्ट भेजी है, जिसमें प्रशासन की ओर से कोई कोताही नहीं होने की बात स्पष्ट हुई है. जिले में आपदा प्रभावितों को 24 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है. 1-2 दिन में और 12 करोड़ प्रदान करने को औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.
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