मंडी, 28 नवम्बर: मंडी के महान वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी भाई हिरदा राम की 138वीं जयंती पर भाई हिरदा राम स्मारक समिति मंडी के सचिव कृष्ण कुमार नूतन, भाई हिरदा राम के पौत्र शमशेर सिंह मन्हास व परिवार के अन्य सदस्यों, नगर निगम मंडी के महापौर वीरेंद्र भट्ट, उपमहापौर माधुरी कपूर, पूर्व महापौर दीपाली जसबाल, पार्षद राजेन्द्र मोहन, राजपूत सभा के अध्यक्ष इन्द्र सिंह ठाकुर, कै0 ज्ञान चंद सैणी, पं0 मनोहर लाल, अशोक अवस्थी, सरदार पटेल विवि से संयोजक इतिहास विभाग राकेश शर्मा व इतिहास विषय के विद्यार्थियों सहित अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों ने मंडी की इंदिरा मार्केट में स्थित भाई हिरदा राम स्मारक में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस मौके पर हिरदा राम स्मारक समिति मंडी के सचिव कृष्ण कुमार नूतन ने बताया कि क्रांतिकारी भाई हिरदा राम सच्चे देश भक्त थे। क्रांतिकारी भाई हिरदा राम ने देश की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों की अनेक यातनाएं हंसते हंसते सहीं। मंडी में गदर पार्टी की स्थापना और अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। भाई हिरदा राम सदा अमर रहेंगे।
महापौर वीरेन्द्र भट्ट ने कहा कि भाई हिरदा ऐसे सपूत रहे हैं जिनके कारण आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने साहित्यकार केके नूतन का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने भाई हिरदा राम को मरणोपरांत अमर कर दिया। उन्होंने कहा कि भाई हिरदा राम कालापानी में आजीवन कारावास की सजा भुगतते हुए स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के साथ जेल में रहे। एक बार उन्होंने देखा कि हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़े वीर सावरकर को कोड़ों से पीटा जा रहे है, उन्होंने इसका विरोध किया। इस पर उन्हें 40 दिन तक 5 फीट के एक लोहे के पिंजरे में बन्द कर दिया गया।
28 नवंबर 1885 को मंडी में जन्मे भाई हिरदा राम का 21 अगस्त, 1965 को देहांत हुआ था।
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